कौन थे दारा शिकोह? जिनका सिर काटकर औरंगजेब के सामने पेश कर दिया गया था
मुगल सल्तनत में कई राजा हुए, लेकिन एक शहजादा ऐसा भी रहा जिसकी कब्र की तलाश में सरकार ने 7 पुरातत्वों की एक टीम भी बनाई गई थी.
![कौन थे दारा शिकोह? जिनका सिर काटकर औरंगजेब के सामने पेश कर दिया गया था Who was Dara Shikoh Whose head was cut and presented before Aurangzeb कौन थे दारा शिकोह? जिनका सिर काटकर औरंगजेब के सामने पेश कर दिया गया था](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/02/d301773b0b452d1aeac119a2742469ca1709324667473742_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
कहा जाता है कि शाहजहां के बड़े बेटे दारा शिकोह यदि राजा होते तो कई मुगल लड़ाईयां टाली जा सकती थीं. हालांकि दारा शिकोह का जो अंत हुआ वो किसी ने उस समय नहीं सोचा था. मोदी सरकार द्वारा दारा शिकोह की कब्र की तलाश करने के लिए एक टीम भी बनाई गई थी, जिन्हें साहित्य, कला और वास्तुुकला के आधार पर दारा शिकोह की कब्र तलाशनी थी.
मुगल बादशाह शाहजहां के समय के इतिहासकारों के लेखन और कुछ दस्तावेजों से पता चलता है कि दारा शिकोह को दिल्ली में हुमायूं के मकबरे में कहीं दफन किया गया था. चलिए आज जानते हैं इतिहास का ये महान नायक दारा शिकोह था कौन.
कौन थे दारा शिकोह?
दारा शिकोह शाहजहां के सबसे बड़े बेटे थे. मुगल परंपरा के अनुसार अपने पिता के बाद वो सिंहासन के उत्तराधिकारी थे. उनके बारे में जो जानकारियां उपलब्ध हैं उनके अनुसार, वो अपने समय के प्रमुख हिन्दुओं, बौद्धों, जैनियों, ईसाईयों और मुस्लिम सूफ़ियों के साथ उनके धार्मिक विचारों पर चर्चा करते थे. इस्लाम के साथ, उनकी हिन्दू धर्म में भी गहरी रुचि थी और वो सभी धर्मों को समानता की नजर से देखते थे.
औरंगजेब के सामनेे क्योें ले जाया गया दारा शिकोह का सिर
शाहजहां की बीमारी के बाद उनके दूूसरे बेटे औरंगजेब ने उन्हें सिंहासन से हटाकर आगरा में कैद कर दिया था. जिसके बाद औरंगजेब ने खुद को बादशाह घोषित कर दिया था और सिंंहासन की लड़ाई में दारा शिकोह को हराकर जेल भेज दिया था. बीबीसी ने शाहजहां नामा के हवाले से बताया है कि जब शहजादे दारा शिकोह को गिरफ्तार करके दिल्ली लाया गया, तब उनके शरीर पर मैले कुचैले कपड़े थे. यहां से, उन्हें बहुत ही बुरी हालत में, बागी की तरह हाथी पर सवार करके खिजराबाद पहुंचाया गया. कुछ समय के लिए उन्हें एक संकीर्ण और अंधेरी जगह में रखा गया था. इसके कुछ ही दिनों के भीतर उनकी मौत का आदेश दे दिया गया.
औरंगजेब ने उनके शरीर को दो हिस्सों में बांटने का आदेश दे दिया था. जिसके बाद जल्लाद ने उनके सिर को शरीर से अलग कर दिया और औरंगजेब के सामने पेश किया. हालांकि उसके बाद दारा शिकोह की कब्र को कहां दफन किया गया ये राज किसी को नहींं पता.
इस्लाम के साथ हिंदू धर्म में भी रुचि रखते थे दारा शिकोह
दारा शिकोह इस्लाम के साथ हिंदू धर्म में भी रूचि रखते थे. वो सभी धर्मों को समानता की नजर से देखते थे. उन्होंने बनारस के पंंडितों को बुलाकर हिन्दू धर्म के उपनिषदों का फारसी भाषा में अनुवाद करवाया था. कहा जाता है दारा शिकोह ने भग्वतगीता और 52 उपनिषदों का हिंदी फारसी में अनुवाद किया था. उपनिषदों का ये फारसी अनुवाद यूरोप तक पहुंचा और वहां इसका अनुवाद लैटिन भाषा में हुआ जिसने उपनिषदों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध बनाया. दारा शिकोह को भारत में उदार चरित्र माना जाता है.
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