कौन होगा नेता प्रतिपक्ष? जानिए एलओपी के लिए पार्टी के पास कितनी सीट होना जरूरी
लोकसभा चुनाव में एनडीए की सरकार 293 सीटों के साथ बहुमत में है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बार संसद में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा. आखिर नेता प्रतिपक्ष को कैसे चुना जाता है.
लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद आज यानी बुधवार से एनडीए और इंडिया गठबंधन के नेताओं के बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 8 जून को होने जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बार नेता प्रतिपक्ष कौन होगा. आखिर विपक्ष में नेताप्रतिपक्ष को कैसे चुना जाता है. आज हम आपको इन सभी सवालों का जवाब देंगे.
नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष विपक्ष में बैठने वाले नेता को कहते हैं. हालांकि जिस दल के पास सदन की कुल सीटों का 10 फीसदी सीट होता है. उसी दल के एक सांसद को सहमति से विपक्ष का नेता चुना जाता है. बता दें कि अगर विपक्ष के किसी भी दल के पास कुल सीटों का 10 फीसदी नहीं है तो उस स्थिति में सदन में कोई भी विपक्ष का नेता नहीं हो सकता है.
वैधानिक मान्यता
बता दें कि संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता को साल 1977 में वैधानिक मान्यता दी गई थी. वहीं विधानसभा के लिए भी यही नियम लागू होता है. यहां भी विपक्ष में बैठने के लिए 10 फीसदी सीटें हासिल करना अनिवार्य होता है. गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा में विपक्ष का नेता का पद सुरक्षित रखने के लिए किसी भी पार्टी के पास 10 फीसदी सीटें नहीं थी. इसलिए सदन में कोई भी विपक्ष का नेता नहीं बन सका था.
इस साल कौन बनेगा नेता प्रतिपक्ष
सवाल ये है कि इस साल नेता प्रतिपक्ष कौन बनेगा. क्योंकि इससे पहले 16 वीं और 17 वीं लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत हासिल किया था और विपक्ष के पास इतनी सीटें भी नहीं थी कि कोई नेता प्रतिपक्ष बने. क्योंकि नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए दल के पास कुल सीटों का 10 फीसदी सीट होना चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष की भूमिका
नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) हाउस बिजनेस एडवाइजरी कमेटी का हिस्सा होता है. इतना ही नहीं ये एक पैनल के रूप में कार्य करता है. जो कुछ प्रमुख पदाधिकारियों का चयन करता है. इसके अलावा उनकी भूमिका में प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के साथ उसकी करीबी और नियमित बातचीत शामिल होती है.
इस साल कौन होगा नेता प्रतिपक्ष
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के अधिकांश पदाधिकारी और कुछ नवनिर्वाचित सांसद चाहते हैं कि राहुल गांधी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का मुकाबला करें. इतना ही नहीं कांग्रेस नेता ये भी चाहते हैं कि राहुल गांधी खुद 2029 के लिए दावेदार के रूप में पेश करें. हालांकि नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसको लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है.
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