ब्रिटेन में किसकी खोपड़ी हो रही थी नीलाम, जिसे वापस लाने की मांग कर रहीं नागालैंड की जनजातियां?
ब्रिटेन में एक अजीब नीलामी हुई, जहां एक खोपड़ी नीलाम की गई. इस खोपड़ी को नागालैंड की जनजातियां वापस लाने की मांग कर रही हैं, ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ये खोपड़ी किसकी थी? चलिए जानते हैं.
आपने अजीब चीजों की नीलामी के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप एक ऐसी नीलामी के बारे में जानते हैं जिसने भारत की एक जनजाति में रोश पैदा कर दिया हो? जी हां, हम ब्रिटेन की एक नीलामी की बात कर रहे हैं. जहां एक खोपड़ी को नीलाम किया जा रहा था. दरअसल ये खोपड़ी सींग वाला नागा मानव की थी. इसे 9 अक्टूबर को नीलाम किया जाना था. जिसे भारत सरकार की आपत्ति के बाद रोक दिया गया है. इस नीलामी को लेकर नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने भारत सरकार को एक पत्र लिखकर मांग की थी कि नीलामी रोकी जाए. उनका कहना था कि नागा समुदाय के पूर्वजों के अवशेषों की नीलामी औपनिवेशिक हिंसा है.
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नीलामी के लिए रखी गई थी कई खोपड़ियां
ऑक्सफोर्डशायर के टेट्सवर्थ में मौजीद स्वान ऑक्शन हाउस में इस खोपडी़ को नीलामी के लिए रखा गया था. इसके साथ ही दुनियाभर से जमा की गईं और भी कई खोपड़ियां मौजूद थीं. जिन्हें नीलामी के लिए इस ऑक्शन में रखा गया था. द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस नीलामी में नागा जनजाति की मानव खोपड़ी को लॉट नंबर 64 के रूप में रखा गया था. यह खोपड़ी एक व्यक्ति की थी, जो नागालैंड की नगा जनजाति से संबंधित था. यह खोपड़ी 19वीं सदी में ब्रिटिश सैनिकों द्वारा कब्जे में ली गई थी और तब से यह ब्रिटेन में एक संग्रह का हिस्सा बनी हुई थी.
यह खोपड़ी उस व्यक्ति की थी, जिसे ब्रिटिश सेना ने युद्धबंदी बना लिया था और बाद में मार दिया. उसकी खोपड़ी को ब्रिटेन में एक संग्रहालय में रखा गया और फिर वह नीलामी में रखी गई. इस खोपड़ी के नीलाम होने के बाद नागालैंड की जनजातियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. उनका कहना था कि यह खोपड़ी उनके पूर्वजों का अपमान है और इसे ब्रिटेन में बेचना गलत है.
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क्या है नागालैंड की जनजातियों की मांग?
नागालैंड की जनजातियां इस खोपड़ी की वापसी की मांग कर रही हैं. उनके मुताबिक, ये सिर्फ एक खोपड़ी नहीं है बल्कि उनके इतिहास, संस्कृति और संघर्ष का प्रतीक है. उनका कहना है कि यह खोपड़ी उनके पूर्वजों के संघर्ष और सम्मान का हिस्सा है, जिसे ब्रिटेन ने लूट लिया.
नागालैंड के लोग इसे नीलाम करने को अपमान मानते हैं और चाहते हैं कि यह खोपड़ी उन्हें वापस दी जाए. नगा जनजातियों के नेता और नागालैंड के मुख्यमंत्री ने ब्रिटेन से इसे लौटाने की मांग की है. उनका कहना है कि यह खोपड़ी सिर्फ एक शारीरिक हिस्सा नहीं, बल्कि उनके लोगों की पहचान और सम्मान का प्रतीक है.
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. भारत के विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन से यह खोपड़ी वापस करने की अपील की है. सरकार ने कहा कि यह खोपड़ी भारत की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, और इसे वापस लाया जाना चाहिए. सरकार ने यह भी कहा कि ब्रिटेन द्वारा खोपड़ी की नीलामी भारत के इतिहास और संस्कृति का अपमान है. भारत सरकार ने ब्रिटेन से इस मामले पर बात करने का आग्रह किया और कहा कि इसे जल्द से जल्द वापस किया जाए.
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