इटली में क्यों पैदा नहीं हो रहे बच्चे, पिछले तीन महीने में एक भी डिलीवरी नहीं?
इटली का मामला कितना गंभीर है इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि वहां की पीएम जॉर्जिया मेलोनी इसे नेशनल इमरजेंसी की तरह देखती हैं. अपने चुनावी अभियान में भी उन्होंने इस मुद्दे को बड़े जोर-शोर से उठाया था.

दुनिया तेजी से बूढ़ी होती जा रही है. चीन, जापान जैसे देश इसका बड़ा उदाहरण हैं. अब इटली भी इस लिस्ट में शामिल हो सकता है. इसका सबसे बड़ा कारण है वहां बच्चों का पैदा ना होना. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इटली में बीते तीन महीनों से किसी भी बच्चे का जन्म नहीं हुआ है. ये परेशानी इतनी बड़ी है कि वहां की पीएम इसे एक नेशनल इमरजेंसी की तरह देखती हैं.
क्या कहती है रिपोर्ट
अंग्रेजी न्यूज़ वेबसाइट मीडियम की एक रिपोर्ट के अनुसार, इटली ने बीते दिनों एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है. हालांकि, ये वर्ल्ड रिकॉर्ड खुश होने लायक नहीं है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक देश तेजी से बूढ़ा हो रहा है. दरअसल, इस रिपोर्ट की मानें तो इटली में पिछले तीन महीनों के भीतर एक भी बच्चे का जन्म नहीं हुआ है. जबकि रॉयटर्स लिखता है, 'नेशनल स्टैटिक्स ब्यूरो ISTAT के आंकणों के अनुसार, इटली में जनवरी 2023 से जून 2023 तक जितने बच्चों का जन्म हुआ वो जनवरी 2022 से जून 2022 के बीच जन्में बच्चों की तुलना में 3500 कम हैं.'
इसके कारण क्या हैं
रिपोर्ट्स में जो बात सामने निकल कर आई है उसमें इसका प्रमुख कारण 15 से 49 साल के उम्र की महिलाओं की कमी है. यानी इटली में प्रजनन योग्य मानी जानें वाली महिलाओं की कमी हो गई है, जिसकी वजह से ये समस्या खड़ी हुई है. ऐसी महिलाओं की संख्या 2021 के मुकाबले 2023 में कम हुई है.
पीएम ने माना नेशनल इमरजेंसी
इटली का मामला कितना गंभीर है इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि वहां की पीएम जॉर्जिया मेलोनी इसे नेशनल इमरजेंसी की तरह देखती हैं. पिछले साल अपने चुनावी अभियान में भी उन्होंने इस मुद्दे को बड़े जोर-शोर से उठाया था. आपको बता दें, रिपोर्ट्स कहती हैं कि पिछले साल हर सात बच्चों के जन्म पर 12 लोगों की मौत रिकॉर्ड की गई थी. सीधी भाषा में आपको समझाऊं तो वहां अगर एक दिन में सात बच्चों का जन्म हो रहा था तो उसी दिन 12 लोगों की मौत हो रही थी. इसका मतलब कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वहां कि आबादी तेजी से कम हो जाएगी.
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