Flowers Colour: फूल इंसान के जीवन के सभी पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, चाहे वो त्योहारों का हो, पूजा का समय हो, या कोई खास अवसर हो. फूलों के रंग, उनके प्राकृतिक सौंदर्य और महक ने इंसानों के दिलों को हमेशा मोहित किया है. हर तरह के त्योहारों के लिए विभिन्न रंगों के फूलों की मांग होती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि फूल इतने रंग-बिरंगे क्यों खिलते हैं? इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि फूलों के विभिन्न रंगों के पीछे का रहस्य क्या है और कैसे वे अपने रंग को प्राप्त करते हैं.


रंग फूलों में कैसे आते हैं


फूलों के रंग का तय कुछ खास रसायनिक प्रक्रियाओं से होता है. एक रंग प्राप्त करने में मदद करने वाला रसायन होता है, जिसे "एंथोसायनिन" कहा जाता है. यह रसायन फूलों के रंग को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. एंथोसायनिन रंग के पिगमेंट को निर्मित करता है, जिससे फूल के रंग का पत्तियों, कलिकाओं और फूल के अन्य हिस्सों में प्रकट होने लगता है.


चटक रंग के फूल


कुछ फूल ऐसे होते हैं जो एक ही रंग के होते हैं और इन्हें चटक रंग कहा जाता है. इन फूलों के रंग की वजह होती है कैरोटिनाइड रसायन, जो फूल के पिगमेंट को विशिष्ट रंग में परिवर्तित करता है. उदाहरण स्वरूप, लाल गुलाब, पीला गेंदा और नारंगी फूल के रंग का कारोटिनाइड होता है, जिससे ये फूल विशिष्ट रंग में खिलते हैं.


अलग-अलग रंग के फूल


कुछ फूल ऐसे होते हैं, जिनमें चटक रंग के साथ-साथ एंथोसायनिन और कैरोटिनाइड दोनों प्रकार के पिगमेंट मौजूद होते हैं, जिससे वे विविध रंगों में दिखाई देते हैं. इस प्रकार के फूल के रंग अद्वितीय होते हैं और विभिन्न आकर्षण पैदा करते हैं. बता दें कि पत्तियों के हरे रंग का प्रमुख कारण क्लोरोफिल होता है


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