भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. भारतीय रेलवे के जरिए हर दिन लाखों लोग एक शहर से दूसरे शहर तक की अपनी यात्रा करते हैं. सफर के दौरान आपने ध्यान दिया होगा कि ट्रेन नंबर में 5 डिजिट का ट्रेन नंबर होता है. इन नंबरों के जरिए ही यात्री अपने ट्रेन की पहचान और ऑनलाइन उन्हें सर्च भी करते हैं. वहीं हर ट्रेन कोच पर भी 5 डिजिट का नंबर लिखा होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रेन के हर कोच पर पांच डिजिट का कोड ही क्यों होता है और इसका मतलब क्या होता है. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे.  


ट्रेन कोच नंबर


भारत में अधिकांश लोग ट्रेन के जरिए ही सफर करना पसंद करते हैं. ट्रेन में सफर करने के दौरान आपने ध्यान दिया होगा कि ट्रेन के हर कोच के ऊपर 5 डिजिट में नंबर लिखे होते हैं. यात्री इन नंबरों के जरिए ही अपने कोच को पहचानते हैं. ये नंबर कोई साधारण नंबर नहीं होते हैं, इन नंबरों में कई तरह के राज छिपे होते हैं. जैसे कोच नंबर के जरिए पता चलता है कि इस बोगी का निर्माण कब हुआ था और यह बोगी किस प्रकार की है. बता दें कि इसमें पहले दो डिजिट बताते हैं कि ट्रेन की इस बोगी का निर्माण कब हुआ था और अंतिम के तीन डिजिट इसकी कैटेगरी बताते हैं.


उदाहरण के लिए किसी ट्रेन की बोगी पर 06497 नंबर लिखा है. अब आपको इसे दो भाग में तोड़कर पढ़ना चाहिए. पहले दो डिजिट से हमें इसके बनने के समय का पता चलता है. जैसे 06 बताता है कि यह बोगी 2006 में बनी थी. अगर वहीं बोगी पर 15397 लिखा होता, तो इस बोगी का निर्माण 2015 में हुआ होता.


अंत के तीन डिजिट का मतलब


बता दें कि बोगी पर लिखे बाद के तीन डिजिट उस बोगी की कैटेगरी को बताते हैं. जैसे पहले केस (06497) में यह बोगी जनरल कैटेगरी की है और दूसरे केस (15397) में बोगी स्लीपर क्लास की है. जानिए आप कैसे किसी बोगी को पहचान सकते हैं. 


001-025 : AC First class
026-050 : Composite 1AC + AC-2T
051-100 : AC-2T
101-150 : AC-3T
151-200 : CC (AC Chair Car)
201-400 : SL (2nd Class Sleeper)
401-600 : GS (General 2nd Class)
601-700 : 2S (2nd Class Sitting/Jan Shatabdi Chair Class)
701-800 : Sitting Cum luggage Rake
801 + : Pantry Car, Generator or Mail


अब ट्रेन में सफर करने के दौरान अगर आपका ध्यान इन नंबरों पर जाता है, तो आप ट्रेन कोच का सारा इतिहास समझ जाएंगे. आप ये भी समझ जाएंगे कि ये कोच किस समय बना था. क्योंकि कोच के पांच डिजिट में ही उसके सभी चीजों की जानकारी छिपी होती है. 


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