Why Airplane Seats Colour Blue: जब भी किसी दूर स्थित जगह पर जाने की बात हो और साथ में समय की बचत भी करनी हो तो हवाई जहाज यात्रा का सबसे अच्छा साधन है. आजकल हवाई यात्रा करना पहले की तुलना में काफी आम हो गया है और एरोप्लेन में सफर करना पहले के मुकाबले काफी किफायती भी हो गया है. जिन लोगों ने प्लेन में सफर किया है या जिन्होंने नहीं भी किया है, उन्होंने फिल्मों में देखा होगा कि एरोप्लेन की सभी सीटें नीले रंग की होती है. क्या कभी आपने यह सोचा है कि प्लेन की सभी सीटें नीले रंग की ही क्यों होती हैं? आइये आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं...


विश्वसनीयता और सुरक्षा का प्रतीक नीला रंग 
कुछ लोगों का मानना है कि आसमान का रंग नीला होता है इसीलिए प्लेन की सीटों का रंग भी नीला रखा जाता है. जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, हवाई जहाज में नीली सीटों का इस्तेमाल कई दशकों पहले शुरू हुआ. ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने नीले रंग को लेकर शोध किए. शोध कहता है कि नीले रंग को लोग सुरक्षा और विश्वसनीयता के साथ जोड़कर देखते हैं. जिन लोगों को एयरफोबिया होता है उनके लिए भी यह नीला रंग बहुत ज्यादा मददगार साबित होता है.


यह रंग एयर फोबिया से ग्रसित लोगों को रखता है शांत
शोध में एक हैरान कर देने वाली बात भी सामने आई. इसके अनुसार लगभग 90 प्रतिशत लोग किसी ब्रैंड के कलर्स के आधार पर उसकी ओर आकर्षित होते हैं. यही कारण है कि ज्यादातर लोग अपने ब्रैंड लोगो के लिए भी नीले रंग को ही इस्तेमाल करते हैं. प्लेन में नीले रंग की सीट इस्तेमाल करने की एक वजह ये भी है कि इस रंग पर धूल, गंदगी और दाग-धब्बे कम दिखाई देते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि नीले रंग की सीट हल्के रंग की सीटों की तुलना में लंबे ज्यादा दिनों तक इस्तेमाल की जा सकती हैं.


पहले होती थी लाल रंग की सीटें
कई रिपोर्ट में ये बताया गया है कि 70 और 80 के दशक में कुछ एयरलाइंस कंपनियों ने अपने प्लेन में सीटों का रंग लाल कर दिया था. जिसके बाद यह देखने को मिला कि यात्रियों के बीच आक्रामकता और गुस्से का स्तर बढ़ रहा है. इसलिए उन एयरलाइन कंपनियों ने सीटों का रंग बदल कर नीला ही कर दिया था.


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