कंप्यूटर और लैपटॉप का इस्तेमाल आज के समय में लगभग हर जगह हो रहा है. चाहे वो पढ़ाई हो या नौकरी. ऐसे में आप भी इसका इस्तेमाल करते होंगे. आपने गौर भी किया होगा कि इसके कीवर्ड पर F और J लेटर पर दो छोटे-छोटे निशान बने होते हैं. ये निशान चाहे पुराना कीबोर्ड हो या फिर नया, किसी भी कीबोर्ड पर आपको आसानी से दिख जाएंगे, लेकिन क्या आपके मन में कभी खयाल आया है कि आखिर कीबोर्ड पर इन निशानों को बनाने के पीछे की क्या कहानी है या फिर ये यूं ही बेवजह होते हैं? चलिए आज जान लेते हैं.
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क्यों होते हैं F और J बटन पर निशान?
आपको जानकर हैरानी होगी कि F और J बटन पर ये छोटे निशान ये छोटे से निशान टाइपिंग की दुनिया में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं. दरअसल इनका मुख्य उद्देश्य टाइपिंग स्पीड को बढ़ाना और टाइपर को बिना कीबोर्ड को देखे सही बटन दबाने में मदद करना होता है.
बता दें ये निशान हमें टच टाइपिंग करने में मदद करते हैं. टच टाइपिंग में हम बिना कीबोर्ड को देखे उंगलियों की स्थिति और बटन को महसूस करके टाइप करते हैं. साथ ही F बटन पर बाएं हाथ की तर्जनी और J बटन पर दाएं हाथ की तर्जनी रखने से बाकी उंगलियां अपने आप सही जगह पर चली जाती हैं. इससे टाइपिंग की स्पीड और सही तरीका बन जाता है. इसके अलावा ये निशान टाइपर को कीबोर्ड पर उंगलियों का सही स्थान बताकर टाइपिंग शुरू करने में भी मददगार होते हैं.
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क्यों चुने गए F और J बटन?
अब सवाल ये उठता है कि इस काम के लिए F और J बटन को ही क्यों चुना गया? तो बता दें कि इसका कारण इन बटनों की स्थिति है. दरअसल ये दोनों बटन कीबोर्ड के बिल्कुल बीच में होते हैं और इनके आसपास के बटन सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं. इसलिए इन बटनों पर निशान लगाकर टाइपर को बाकी बटनों तक पहुंचने में आसानी होती है.
इन बटनों के इतिहास पर नजर डालें तो इनका इतिहास टाइपराइटर के जमाने से है. उस समय टाइपराइटर पर टाइप करने के लिए दोनों हाथों की उंगलियों को एक निश्चित जगह पर रखना होता था. इन निशानों से टाइपर को उंगलियों की सही जगह का पता चल जाता था. फिर जब कंप्यूटर और कीबोर्ड आए तो भी इस डिजाइन को अपना लिया गया.
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