Delhi Metro: कभी सोचा है मेट्रो स्टेशन पर क्यों नहीं लगे होते डस्टबिन? बहुत खास है इसके पीछे की वजह
DMRC: दिल्ली मेट्रो के स्टेशन पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है, लेकिन तब भी बड़ी हैरानी की बात है कि यहां डस्टबिन नहीं लगे होते. दरअसल, इसका सीधा संबध सुरक्षा से है.
Dustbin on Delhi Metro Station: हमें अपने आसपास साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है. सिर्फ घर में ही नहीं, कहीं बाहर जाते वक्त वहां भी साफ सफाई रखने में अपना सहयोग देना चाहिए. कूड़ा हमेशा कूड़ेदान में ही डालना चाहिए. अगर आपने दिल्ली मेट्रो से सफर किया है तो आपने यह जरूर गौर किया होगा कि यहां मेट्रो स्टेशन पर डस्टबिन नहीं लगे होते हैं. बड़े आश्चर्य की बात है कि इतने अनुशासित महकमें के स्टेशनों पर डस्टबिन नहीं होते हैं!
शायद आप नहीं जानते कि ऐसा क्यों है. दरअसल, इसका सीधा संबंध यात्रियों और मेट्रो संपत्ति की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. इसके बारे में डीएमआरसी के चीफ पीआरओ अनुज दयाल बताते हैं कि सुरक्षा के मद्देनजर स्टेशन पर डस्टबिन नहीं लगाए गए हैं.
पानी, शौच की सुविधा है फिर डस्टबिन क्यों नहीं?
DMRC के चीफ पीआरओ अनुज दयाल बताते हैं कि मेट्रो कॉर्पोरेशन ने यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन पर पीने के पानी और सुलभ शौचालय जैसी सुविधाओं को जगह दी है. उन्होंने बताया कि हम सीधे तौर पर तो यह काम नहीं कर सकते इसलिए टेंडर के जरिए वॉटर मशीन से पीने का पानी उपलब्ध कराया जाता है. टॉइलट्स भी लगभग सभी स्टेशन पर मौजूद हैं, जहां लोग थोड़े पैसे देकर इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं. यहां तक कि जरूरत पड़ने पर यात्री स्टाफ टॉइलट्स का मुफ्त में भी इस्तेमाल कर सकते है.
इसलिए नहीं लगाए डस्टबिन
DMRC के चीफ पीआरओ अनुज दयाल के अनुसार, ज्यादतार स्टेशन पर डस्टबिन ट्रांसपैरंट तरीके से रखे हुए हैं. लेकिन जैसा कि सबको पता है साल 2008 में दिल्ली में बम ब्लास्ट हुए थे. जिसके बाद से मेट्रो ने भी सुरक्षा की दृष्टि से कुछ सावधानियां बरतनी शुरू कर दी हैं. मेट्रो स्टेशन पर एंट्री करने वाले लोगों की पहले अच्छे से जांच होती है. कुछ सालों पहले जयपुर और चेन्नै मेट्रो ने इसपर कहा था कि वो अपने यात्रियों को फ्री पानी और शौच जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराता है. साथ ही स्टेशन पर डस्टबिन की सुविधा भी है. इसपर दिल्ली मेट्रो की तरफ से जवाब आया था कि उन दोनों राज्यों के सामने वे चुनौतियां नहीं हैं जो डीएमआरसी के सामने हैं. इन शहरों में एक दिन में शायद 10,000 यात्री सफर करते होंगे, लेकिन दिल्ली मेट्रो से रोजाना लगभग 30 लाख लोग सफर करते हैं. ऐसे में सुरक्षा एक सबसे बड़ी चुनौती है और उसी को ध्यान में रखते हुए डीएमआरसी कोई कदम उठाती है.
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