ट्रैक पर कहीं-कहीं V आकार की पटरियां क्यों होती हैं? पढ़िए इन्हें क्यों लगाया जाता है
शायद आपने भी कभी न कभी इस V शेप की पटरी को देखा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये क्यों लगाई जाती है? असल में V शेप की पटरियां ट्रेन को दुर्घटना से बचाने में बड़ा योगदान देती हैं.
Guard Rail Track: 68 हजार किलोमीटर वाला भारतीय रेल नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. इसे भारतीय अर्थव्यस्था की रीढ़ भी कहा जाता है. रोजाना करोड़ों लोग इससे सफर करते हैं. भारतीय रेलवे की तरफ से पैसेंजर, सुपरफास्ट और एक्सप्रेस सहित कई तरह की ट्रेनें संचालित की जाती हैं. अब तो रेलवे के खेमे में वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेन भी शामिल हो चुकी है. ट्रेनों के उनके गंतव्य तक सही सलामत पहुंचाने में जितनी जिम्मेदारी रेलवे के स्टाफ और पुलिस बल की होती है, उतनी ही भूमिका पटरियों की भी होती है. देश के कोने-कोने में रेल की पटरियां बिछी हुई हैं और इनपर ही रोजाना भारतीय रेल फर्राटे भरती है, पटरियों को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वे ट्रेन का यात्रियों सहित भार से सकें.
किसलिए लगी होती हैं V शेप की पटरियां?
रेल की पटरियां ज्यादातर स्थानों पर समांतर होती है, लेकिन कहीं-कहीं इन 2 समानांतर पटरियों के बीच V आकार (V-Shape Tracks) की भी पटरी होती है. शायद आपने भी कभी न कभी इस V शेप की पटरी को देखा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये क्यों लगाई जाती है? अगर नहीं, तो आज हम आपको बताते हैं.
असल में V शेप की पटरियां ट्रेन को दुर्घटना से बचाने में बड़ा योगदान देती हैं. इन्हें गार्ड रेल भी कहते हैं. गार्ड रेल का काम दो मुख्य पटरियों को मजबूती देना होता है. इन्हें मुख्य रूप से तीन स्थानों पर लगाया जाता है. आइए जानते हैं.
इन तीन जगहों पर लगती हैं ये
गार्ड रेल का इस्तेमाल ज्यादातर तीव्र मोड, लेवल क्रॉसिंग और पुल पर किया जाता है. इन तीनों स्थानों पर V आकार की पटरियां मुख्य पटरियों को मजबूती प्रदान करती हैं. तीव्र मोड़ और लेवल क्रॉसिंग (जहां पटरियां सड़क के बीच से निकल रही हों) वाली जगहों पर ये पटरियां ट्रेन को मुख्य ट्रैक्स से फिसलने नहीं देती हैं. पुल पर पटरियों को उतना सपोर्ट नहीं मिल पाता, जितना जमीन पर बिछी पटरियों को मिलता है. इसलिए ट्रेन के वजन से उनके मुड़ने का डर रहता है. ऐसे में V शेप की पटरी सपोर्ट को दोगुना कर देती है और पटरियां मुड़ती नहीं हैं.
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