सस्ता हो या महंगा, या फिर फोन वाला... कैमरा हमेशा लाल काले रंग का ही क्यों होता है?
कोई कैमरा महंगा हो या सस्ता, उनमें एक चीज काॅमन होती है. वो है उसका कलर. लगभग सभी कैमरे काले रंग के होते हैं. इसका टेक्निकल के साथ-साथ साइकोलॉजिकल कारण होता है. जानते है वे क्या हैं.
कैमरे की खोज के बाद उसमें कई बदलाव हुए हैं. आज आम लोगों तक कैमरा पहुंच गया है. इसका डिजाइन और वजन इसको पोर्टेबल बनाता है. आज फोटो खींचने में कृत्रिम प्रकाश की जगह बाहर की नेचुरल लाइट दिक्कत करती है. मान लीजिए, कैमरा काले की जगह लाल रंग का है. ऐसे में जब धूप में कैमरा से फोटो ली जाएगी तो लाल रंग की रिफ्लेक्शन फोटो में आने वाली वस्तुओं पर असर करेगी. फोटो में उन चीजों का नेचुरल रंग नहीं आएगा. जबकि, काले रंग के कैमरे में ऐसी कोई दिक्कत नहीं होगी.
काले रंग का साइकोलॉजिकल रीजन
कैमरे को काला बनाने का एक साइकोलॉजिकल कारण भी होता है. कैमरे का इस्तेमाल ज्यादातर प्रोफेशनल लोगों द्वारा किया जाता है. प्रोफेशनल फोटोग्राफर कैमरे का इस्तेमाल कमरे के साथ-साथ बाहर भीड़ में करते हैं. अगर कैमरा किसी अलग या चुभने वाले रंगों में बनाया जाए, तो लोगों का ध्यान उस पर जाने लगेगा. जिस कारण से फोटो का सब्जेक्ट असहज हो जाएागा. इससे बचने के लिए DSLR कैमरे का रंग कला रखा जाता है.
हर समय और हर जगह के लिए फिट है काला रंग
आज के कैमरा की बैटरी लाइफ और क्वालिटी अच्छी है. रात के अंधेरे में भी तस्वीर खींची जा सकती हैं. वाइलडलाइफ फोटोग्राफर रात को भी जानवरों की तस्वीर खींचते है. इसमें सबसे जरूरी होता है कि जानवर को फोटोग्राफर के होने का अहसास न हो. ऐसे में काले रंग के कैमरे काम आते हैं. यह रंग अंधेरे में कम स्पष्ट होता हैं. इसी प्रकार की कुछ फोटोग्राफी के लिए काला रंग बेहतर विकल्प होता है.
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