आप जब भी क्रिकेट मैच देखते होंगे तो आपने नोटिस किया होगा कि कुछ क्रिकेटर्स अपने मुंह पर सफेद सफेद एक क्रीम लगाकर रखते हैं. कई क्रिकेटर्स फेस पर तो कुछ क्रिकेटर्स होठ या गर्दन पर लगाकर रखते हैं. अगर आपसे ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर रहे एंड्यू साइमंड्स का जिक्र करें तो आप समझ जाएंगे कि हम किस क्रीम की बात कर रहे हैं, क्योंकि वो अक्सर होंठ पर क्रीम लगाकर खेलते थे. ऐसे में सवाल है कि आखिर क्रिकेटर्स ये कौनसी क्रीम लगाते हैं और इस क्रीम का क्या काम होता है. तो जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब कि आखिर ये सफेद-सफेद क्या है...
ये कौनसी क्रीम होती है?
आम तौर पर लोग जानते हैं कि ये सनस्क्रीन होती है और ये धूप से बचने के लिए यूज की जाती है. लेकिन, आपको बता दें कि ये कोई आम सनस्क्रीन नहीं होती है और ये काफी अलग होती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, खिलाड़ी जो सफेद कलर की क्रीम लगाते हैं, ये आम सनस्क्रीन से अलग जिंक ऑक्साइड होती है. ये आम सनस्क्रीन से काफी अलग होती है और इससे स्कीन को धूप से बचाया जाता है और इससे स्किन को सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणों से बचाया जा सकता है.
ये फिजिकल सनस्क्रीन होती है और यह एक तरह से रिफलेक्टर का काम करती है. जब इसे लगाते हैं तो ये स्किन पर एक एक्सट्रा लेयर बनाने काम काम करता है और जब खिलाड़ी 5-6 घंटे तक धूप में खड़े रहते हैं तो ये सनस्क्रीन उन जगहों की स्किन को बचाती है जो धूप से सीधे संपर्क में आती है. ऐसे में जिंक ऑक्साइड का इस्तेमाल उनकी स्किन को डैमेज होने से बचाता है. धूप से होने वाले साइड इफेक्ट जिंक ऑक्साइड बिल्कुल कम हो जाते हैं.
धूप से स्किन डैमेज से बचाने के लिए काफी अच्छा ऑप्शन माना जाता है और इससे ना सिर्फ जलन से आराम मिलता है बल्कि सूजन भी कम हो जाती है. इस वजह से क्रिकेटर्स या फिर अन्य खिलाड़ी चेहरे पर जिंक ऑक्साइड लगाकर खेलते हैं और स्किन का ख्याल रखते हैं.
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