Why Crocodile Swallow Prey: धरती पर मुख्य रूप से जलचर, थलचल, नभचर और उभयचर प्रकार के प्राणी पाए जाते हैं. उभयचर वो जीव होते हैं जो धरती और पानी दोनों में रह सकते हैं, जैसे मेंढक. ऐसे ही एक जीव मगरमच्छ भी होता है. मगरमच्छ का शिकार इंसान हो या कोई दूसरा जीव, वह उसे बिना चबाए ही निगल जाता है. चौंकाने की बात यह है कि मगरमच्छ के दांत होने के बावजूद भी वो अपने शिकार को चबाता नहीं है. क्या आपको इसके पीछे की वजह पता है? आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि क्यों इतने खूंखार दांत होने के बाद भी मगरमच्छ अपने शिकार को चबाता नहीं है, बल्कि सीधा निगल जाता है.


होते हैं चार पेट!
जीव विज्ञानियों का कहना है कि मगरमच्‍छ अपने शिकार को पकड़ता है, अपने मजबूत जबड़ों में फंसाता है, दबाता है और फिर निगल जाता है. बाकी जानवरों की तरह वह उसे चबा-चबाकर नहीं खाता है. आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि इतने भयानक दिखने वाले दांत और चार पेट होने के बावजूद भी वह ऐसा क्‍यों नहीं कर पाता है. जी हां, सही पढ़ा आपने...मगरमच्छ के चार पेट होते हैं. आइए जानते हैं इतना कुछ होने के बाद भी वह शिकार को निगलता ही क्यों है...


होता है मजबूत जबड़ा
जीव विज्ञानियों के अनुसार, मगरमच्‍छ के जबड़े शिकार को दबोचने के लिहाज से काफी मजबूत होते हैं. इसके जबड़े में एक बार अगर शिकार के शरीर का कोई हिस्‍सा फंस जाता है तो इसे छुड़ाना मुश्किल है. शिकार को जकड़ने के बाद वह उसको घसीटकर पानी में ले जाता है. ऐसा करने के बाद उससे बचने की संभावना और भी कम हो जाती है.


दांतों की संरचना है कारण
मगरमच्‍छ में मुंह में दांतों की संरचना ही कुछ ऐसी है कि ये शिकार को सिर्फ दबोच सकता है पर चबा नहीं सकता है. मगरमच्छ के दांत मुंह में किनारों पर होते हैं. इसलिए ये शिकार को चबा नहीं पाता है और न‍िगल जाता है. अब सवाल उठता है कि बिना चबाए निगलने के बाद आखिर मगरमच्‍छ के पेट में शिकार पचता कैसे है? दरअसल, मगरमच्छ अपने शिकार को जबड़े से दबाते और तोड़ते हुए पेट में पहुंचाता है और एक आश्चर्य की बात यह भी है कि इसके चार पेट होते हैं.


कंकड़-पत्‍थर करते हैं भोजन को पचाने का काम
शिकार को पचाने की बात करें तो दूसरे जीवों के मुकाबले मगरमच्‍छ के पेट में अध‍िक गैस्ट्रिक एसिड निकलता है जो खाने को पचाने में मदद करता है. मियामी साइंस म्‍यूज‍ियम के विशेषज्ञ कहते हैं कि मगरमच्‍छ छोटे-छोटे कंकड़-पत्‍थर भी खाता है. ये कंकड़-पत्‍थर इसके पेट में जाकर भोजन को पीसने का काम करते हैं. ये पत्‍थर खासतौर पर ऐसे समुद्री जीवों को पचाने में मदद करते हैं जिनके चारों ओर शेल यानी कठोर कवच होता है.


10 दिन तक नहीं करता शिकार
विशेषज्ञों के अनुसार, मगरमच्‍छ जो भी खाते हैं वो लगभग 10 दिन तक उसके पेट में रहता है और धीरे-धीरे पचता है. यही वजह है कि जब मगरमच्‍छ किसी बड़े जीव को खाता है तो कुछ समय तक वह शिकार भी नहीं करता है. इस दौरान वह शांत बैठा रहता है क्‍योंकि उसके शरीर में भोजन को पचाने की प्रक्रिया चल रही होती है.


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