14 तारीख को ही क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति, जान लीजिए क्या है इसके पीछे की वजह
देशभर में कल यानी 14 जनवरी के दिन मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी के दिन ही क्यों मनाया जाता है. क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं.
देशभर में कल यानी 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि लगभग दशकों से मकर संक्रांति हमेशा 14 जनवरी को ही मनाया जाता है. हालांकि साल 2024 में 15 जनवरी के दिन मनाया गया था. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर होली ,दीपावली की तरह मकरसंक्रांति की तारीख क्यों नहीं बदलती है. ये हर साल 14 या 15 जनवरी के दिन ही क्यों मनाया जाता है.
14 जनवरी के दिन मकर संक्रांति
बता दें कि साल 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाएगा. जबकि 2024 में यह तारीख 15 जनवरी थी. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि दशकों से मकर संक्रांति की तारीख 14 जनवरी को ही पड़ती है. जबकि भारत के बाकी सभी त्यौहार अंग्रेजी कैलेंडर में अलग-अलग तारीखों को पड़ते हैं. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे.
क्या होती है संक्रांति?
सबसे पहले ये जानते हैं कि मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है. बता दें कि मकर संक्रांति का सीधा कनेक्शन पृथ्वी का सूर्य का चक्कर लगाने से हैं. दरअसल यह चक्कर 365 दिन और 6 घंटों में पूरा होता है. ज्योतिष और खगोल विज्ञान दोनों ने ही इस अवधि को 12 भागों में बांटा है. कैलेंडर के मुताबिक ये हिस्से 12 महीने होते हैं. वहीं ज्योतिष के अनुसार ये आकाश के 12 हिस्से होते हैं, जिन्हें राशियों का नाम दिया गया है. इस तरह सूर्य हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में जाता है, जिस संक्रांति कहते हैं. बता दें कि ये घटना हर महीने की 14 तरीख या उसके आस-पास ही होती है. बता दें कि पृथ्वी की तुलना में जब सूर्य आकाश में धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, उसी दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है.
14 जनवरी को क्यों पड़ता है मकर संक्रांति?
बता दें कि हर संक्रांति का दिन सूर्य की परिक्रमा के आधार पर होता है. असल में यह तारीख 14 जनवरी को ही पड़ती है. इसके अलावा भारत के लगभग सभी त्यौहार चंद्र कैलेडंर के अनुसार होते हैं. यही वजह है कि ये त्यौहार अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से हर साल अलग अलग तरीख को पड़ते हैं, लेकिन मकर संक्राति का संबंध चंद्रमा से नहीं, बल्कि सूर्य से होता है, इसलिए इसकी तारीख सूर्य कैलेंडर से मेल खाती है.
इन सालों में बदली है तारीख
मकर संक्रांति की तारीख कई बार बदली है. जैसे सन् 1900 से 1965 के बीच 25 बार मकर संक्रांति 13 जनवरी को मनाई गई थी. लेकिन उससे भी पहले मकर संक्रांति कभी 12 तो कभी 13 जनवरी को मनाया गया था। 2019 से 15 तारीख भी शामिल हो गई है. इसलिए अब कुछ सालों में कभी 14 तो कभी 15 जनवरी मकर संक्रांति मनाया जाएगा.
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