Ants: गर्मियों के मौसम में पसीने और मच्छरों के अलावा लोग चीटियों से भी परेशान रहते हैं. जैसे ही तापमान बढ़ता है, ये अपने घरों से बाहर निकल आती हैं. घर के किसी ने किसी कोने में इनकी फौज मिल ही जाती है. वैसे भले ये आपको दिखाई न दें, लेकिन अगर गलती से कोई खाने की चीज खुले में रखी रह गई, तो थोड़ी देर बाद ही वह चींटियों का जमावड़ा लग जाता है. खाने की उस चीज से इनकी एक लंबी कतार इनके घर तक बन जाती है. 


चीटियां आपको हमेशा एक कतार में चलती नजर आएंगी. अगर पहली चींटी ने अपना रास्ता थोड़ा सा भी बदला या टेढ़ा किया, तो उसके पीछे की सारी चीटियां भी उसी रास्ते पर चलना शुरू कर देती हैं. लेकिन क्या आपने कभी इसकी वजह जानने की कोशिश की है?


नहीं होते कान और देख भी नहीं सकती चीटियां


चीटी एक सामाजिक प्राणी है. ये हमेशा कॉलोनी में एक साथ इक्कठा होकर रहती हैं. कई बार आपने घर में लंबी दूरी तय करती चीटियों की एक लंबी कतार देखी होगी. घर के किसी एक।कोने से निकलकर इनकी फौज किसी दूसरे कोने तक जाती नजर आ जाती हैं. क्या आप जानते हैं जिन चीटियों को हम अपने रोजाना अपने आसपास देखते हैं उनके कान नहीं होते? ये सुन नहीं सकती. हालांकि, इनकी आंखें होती तो हैं. लेकिन इन्हे सिर्फ नाम के लिए समझ लीजिये. क्योंकि ये उनसे देख नहीं पाती हैं. अब सवाल आता है कि जब इन्हे दिखाई नहीं देता, सुनाई नहीं देता तो फिर ये एक लाइन में कैसे चल लेती हैं...?


पीछे चलने की वजह


दरअसल, जब चीटियां भोजन की तलाश में निकलती है तो इनके आगे रानी चींटी चलती है. ये अपनी बॉडी से फेरोमोंस नाम का एक खास रसायन को छोड़ती है. बाकी सभी चींटियां इसी रसायन की गंध को फॉलो करती है. जिससे एक लाइन बन जाती है.


फेरोमोंस छोड़ने का मकसद


घर से भोजन तक के रास्ते को चिन्हित करने के लिए चीटियां रास्ते में फेरोमोंस रसायन छोड़ देती हैं. जिससे कि वो या उनका कोई साथी रास्ता न भटके. साथी चींटियों को आस-पास के शिकारी के बारे में चेतावनी देने के लिए, अन्य चींटियों को कॉलोनी की रक्षा में मदद करने के लिए या भोजन स्रोत के स्थान को साझा करने के लिए चीटियां फेरोमोन रसायन छोड़ती हैं।


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