दिल्ली-NCR में क्यों मौसम के साथ बदल जाते हैं वाहनों की रफ्तार के नियम
कई जगहों पर यातायात के नियम मौसम देखकर बदले जाते हैं उन्हीं जगहों में से एक है दिल्ली-NCR. यहां ठंड में और गर्मियों में वाहनों की स्पीड के अलग-अलग नियम हैं.
दिल्ली-एनसीआर में पिछले साल नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे की जो स्पीड कम की गई थी उसे अब बढ़ा दिया गया है. 16 फरवरी के बाद हल्के वाहनों के लिए गति सीमा को बढ़ाकर 100 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया गया है. पिछले साल कोहरे के कारण दिसंबर में वाहनों की गति को घटाकर 75 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया गया था. तो चलिए जानते हैं कि आखिर इन नियमों में मौसम को देखकर क्यों होता है बदलाव.
क्यों मौसम देखकर बदले जाते हैं वाहनों की स्पीड के नियम
इसका उत्तर बेहद आसान है. हालांकि फिर भी कुछ लोगों को ये उत्तर नहीं पता है इसलिए हम बता दें कि कोहरे के चलते इन नियमों में बदलाव होता है. दरअसल सर्दियों में घना कोहरा होता है. ऐसे में स्पीड में दौड़ते हुए वाहनों से कोई भी दुर्घटना हो सकती है. कई बार कोहरे और तेज रफ्तार के चलते ही बड़े-बड़े एक्सीडेंट्स हो जाते हैें. आपने आमतौर पर ऐसे वीडियो देखे होंगे जहां हाइवे पर कई वाहन एक-दूसरे से टकरा जाते हैं. जिसकी वजह रफ्तार और कोहरा ही होता है.
ऐसे में इसी चीज से बचने के लिए सर्दियों के मौसम में एहतियात के तौर पर हल्के वाहनों की स्पीड का नियम 75 और 60 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया जाता है. वहीं सालभर ये स्पीड लिमिट 100 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है.
सर्दियों में कटे कितने चालान
जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 15 दिसंबर से 15 फरवरी के बीच ओवर स्पीडिंग के कारण 2,671 लोगों का चालान काटा गया है. हालांकि यहां ओवरस्पीडिंग के मामले अपेक्षाकृत कम देखने को मिलते हैं. जिसकी वजह यहां अत्यधिक ट्रैफिक समस्या का होना है. मालूम हो कि ओवर स्पीडिंग के मामलों में 2 हजार रुपए का जुर्माना देना होता है. वहीं यदि किसी के 3 से ज्यादा चालान कट जाते हैं तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कर दिया जाता है. इन्हीं नियमों के चलते हाइवे पर ओवर स्पीडिंग के चलते होने वाली दूर्घटनाओं को नियंत्रित किया जाता है.
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