रात में जब आप आसमान की ओर देखेंगे तो पहली नजर में आपको सब तारे पीले ही दिखेंगे. लेकिन जब आप थोड़ा ध्यान केंद्रित करेंगे तो आपको दिखेगा कि कुछ तारों का रंग लाल है और कुछ हल्के नीले दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, ये रगं उन तारों के तापमान को दर्शाता है. लेकिन क्या कभी आपने कोई तारा हरा देखा है, शायद नहीं देखा होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि ये हरे तारे बेहद अनोखे होते हैं और सदियों में एक दो बार दिखाई देते हैं. कहा जाता है कि धूमकेतु ही एक ऐसा तारा है जो कभी कभी हरे रंग में दिखाई देता है और सबसे बड़ी बात की हर धूमकेतु हरा नहीं दिखाई देता है. इसमें भी जो रेयर किस्म के तारे होते हैं, वही हरे रंग के दिखाई देते हैं.
पहले समझिए ये धूमकेतु होते क्या हैं?
अगर आप धूमकेतु को एक तारा समझने की कोशिश कर रहे हैं तो आप गलत हैं. दरअसल, धूमकेतु कोई तारा नहीं बल्कि गैस, बर्फ और तमाम तरह के कणों से मिल कर बना एक पिंड होता है. यह पिंड सदियों तक सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाता है. चक्कर लगाते लगाते इनके पीछे एक पूंछ जैसी आकृति बन जाती है और जैसे जैसे ये सूर्य के नजदीक पहुंचते हैं इनकी पूंछ बड़ी होती जाती है. ज्यादातर बार ये पूंछ सफेद रंग का होता है, लेकिन कई बार इसका रंग हरा और लाल भी हो जाता है.
कब नजर आया था हरा धूमकेतु
हरे रंग का धूमकेतु जल्दी नजर नहीं आता है. दरअसल, ये सौरमंडल के बाहर की ओर स्थित क्षेत्र काइपर बेल्ट में बने होते हैं. लेकिन 1 फरवरी 2023 को एक C/2022 E3 (ZTF) नाम का हरा धूमकेतु जब सूर्य के सबसे नजदीक आ गया था तो वह पृथ्वी से दिखाई दे रहा था. ऐसा 5000 साल में एक बार होता है, इसलिए वैज्ञानिकों की नजर में ये एक बड़ी घटना थी, जब सभी को हरे रंग का धूमकेतु दिखा था.
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