Low Population Impact: इस समय भारत चीन को पछाड़, दुनिया का सबसे ज्‍यादा आबादी वाला देश बन गया है. वहीं, कुछ देश ऐसे भी हैं खासतौर पर यूरोपीय देश, जो आबादी घटने की समस्‍या से जूझ रहे हैं. आबादी के बढ़ने से पोषण, भोजन, आवास, बेरोजगारी और मेडिकल संबंधित समस्याएं पैदा होती हैं. तो वहीं घटती आबादी भी काफी चुनौतियां खड़ी करती है. आइए जानते हैं कि आखिर देशों पर घटती आबादी का क्‍या असर पड़ता है और इससे निपटने के लिए क्‍या कदम उठाए जाते हैं.


आबादी के घटने की वजहें


एक आज के समय की बात करें, तो आबादी घटने की एक वजह रूस-यूक्रेन युद्ध भी है. रूस के हमलों में यूक्रेन, पोलैंड, ग्रीस और रोमानिया में जनसंख्या काफी तेजी से घट रही है. यहां की बहुत आबादी ने पलायन कर दिया, तो काफी सारे लोग युद्ध में अपनी जान गंवा बैठे.


फर्टिलिटी रेट में गिरावट


यूरोपीय देशों में आबादी के घटने का एक बड़ा कारण गिरता फर्टिलिटी रेट भी बताया जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी देश की आबादी को स्थिर बने रहने के लिए फर्टिलिटी रेट 2 से अधिक होना चाहिए. वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय देशों में फर्टिलिटी रेट प्रति महिला 1.2 से 1.6 के बीच है. रहन-सहन और खानपान को फर्टिलिटी रेट के घटने का कारण बताया जा रहा है.


घटती आबादी असर


किसी देश की आबादी घटने का सीधा मतलब है कि वहां बुजुर्गों की तादाद बढ़ रही है. जिसका असर उस देश की सेना पर पड़ता है. अमूमन देश की आबादी ज्‍यादा होने से सेना उतनी ही बड़ी और मजबूत होती है. उदाहरण के लिए भारत और चीन की सेनाएं दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक हैं. 


बेरोजगारी बढ़ती है


आबादी के बहुत ज्‍यादा बढ़ने या फिर घटने से भी बेरोजगारी बढ़ने लगती है. घटती आबादी के कारण नई उम्र के लोगों की संख्‍या कम होती है. ऐसे में युवा उद्यमियों और युवा आबादी घटने पर रोजगार के अवसर भी घट जाते हैं. ऐसे में लोग दूसरे देशों की ओर रुख कर, वहां से पलायन करना शुरू कर देते हैं.


सरकारी खजाने पर बढ़ता है बोझ


घटती आबादी के कारण बढ़ती बुजुर्गों की संख्‍या के लिए सरकार को रिटायरमेंट फंड और कई दूसरी योजनाएं चलानी पड़ती हैं. जिसके लिए अतिरिक्‍त फंड की जरूरत पड़ती है. जिसका सरकारी खजाने पर भी बुरा असर पड़ता है. 


अर्थव्यवस्था पर पड़ता है असर


घटती आबादी वाले देशों में युवा उद्यमियों और कामगारों के कम होने असर उस देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय होता है. घटती आबादी वाले देशों में महंगाई भी तेजी से बढ़ती है. घटती आबादी वाले देशों में सुविधाएं भी कम होने लगती हैं.


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