भारत समेत दुनियाभर में इस साल भीषण गर्मी पड़ रही है. वहीं मक्का में हज यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जानकारी के मुताबिक मक्का में हज के दौरान मरने वालों का आंकड़ा अब 900 पार हो गया है. मरने वालों में सबसे ज्यादा मिस्त्र के लोग हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों मिस्त्र के लोगों की मौतें ज्यादा हुई हैं. 


हज यात्रियों की मौत


जानकारी के मुताबिक सऊदी अरब में अधिक गर्मी और हज यात्रियों के लिए अच्छी व्यवस्था नहीं होने के कारण हज यात्रियों की मौतें हो रही हैं. सऊदी सरकार की तरफ से जारी एक सूची के मुताबिक 900 से अधिक लोगों की मौत हुई है. 


मिस्त्र के लोगों की सबसे ज्यादा मौत


हज यात्रा में गए यात्रियों में सबसे ज्यादा मौतें मिस्त्र के लोगों की हुई है. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक  मिस्र के कम से कम 600 लोगों की मौत हुई है. एएफपी ने बताया कि अभी तक सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान 992 मौतें हुई हैं. वहीं सऊदी अरब के एक राजनयिक ने बताया कि हजयात्रा के दौरान 68 भारतीय नागरिकों की मौत हुई है. 


बता दें कि ज्यादा तापमान बढ़ने का असर सबसे ज्यादा मिस्र, जॉर्डन और इंडोनेशिया के लोगों पर पड़ा है. क्योंकि वहां के लोग इतनी गर्मी झेलने के आदी नहीं होते हैं. बता दें कि जॉर्डन घाटी में गर्मियों में अधिकतम पारा 38-39 डिग्री सेल्सियस तक ही जाता है. इसके अलावा देश के रेगिस्तानी इलाकों में अधिकतम तापमान 26-29 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रहता है. वहीं मिस्र के तटीय क्षेत्रों में तो सर्दियों में औसत तापमान न्यूनतम 14 डिग्री सेल्सियस और गर्मियों में अधिकतम औसत तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहता है. वहीं  इंडोनेशिया में पूरे साल औसत तापमान 27-28 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रहता है. शुष्क गर्मी पड़ने पर भी यह 33-34 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं रहता.


मौत का कारण तापमान


हज यात्रियों के मौत का कारण तापमान है. जहां मिस्त्र के लोगों को 30 डिग्री से अधिक तापमान की आदत नहीं है, वहां उन्हें मक्का में 50 डिग्री तापमान का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन उनका शरीर इसके लिए तैयार नहीं है, इसी कारण मिस्त्र के लोगों की मौतें सबसे ज्यादा हो रही हैं. तेज धूप और तापमान के कारण उन्हें बेचैनी हो रही है, जिसके बाद उनका शरीर काम करना बंद कर दे रहा है और उनकी मौत हो जा रही है. 


बता दें कि सऊदी अरब सरकार के नियमों के मुताबिक मुस्लिम देशों की हर एक हजार आबादी पर एक व्यक्ति हज यात्रा पर जा सकता है. वहीं दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी इंडोनेशिया में है, इसलिए वहां के सबसे ज्यादा यात्री हज पर जाते हैं. ऐसे ही मिस्र और जॉर्डन से भी अधिक यात्री हज पर पहुंचते हैं. मौत में इन देशों का आंकड़ा ज्यादा होने के पीछे ये भी एक कारण है. 


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