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आखिर क्यों वकील काला और डॉक्टर्स पहनते हैं सफेद कोट, जानें इसके पीछे की वजह 

अस्पताल में डॉक्टर सफेद और कोर्ट रूम में वकील काला कोट पहनते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वकील और डॉक्टर ऐसा ड्रेस क्यों पहनते हैं. आज जानिए इसके पीछे का कारण.


  
हमारे देश और दूसरे देशों में भी अधिकांश जगहों पर हर किसी का एक ड्रेस कोर्ड बना हुआ है. जैसे हम जब अस्पताल जाते हैं, तो वहां पर डॉक्टर सफेद कोट पहने होते हैं. ठीक इसी तरह से जब हम कोर्ट जाते हैं, तो वहां पर वकील काला कोर्ट पहने होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि डॉक्टर सफेद और वकील काला कोट क्यों पहनते है. आज हम आपको इसके पीछे की असल वजह बताएंगे.  

वकील इसलिए पहनते हैं काला कोट 

कोर्ट रूम में आपने देखा होगा कि वकील हमेशा काला कोट पहनकर जाते हैं.दरअसल वकीलों के काला कोट पहनने की परंपरा इंग्लैंड से शुरू हुई थी. भारतीय न्यायिक व्यवस्था अंग्रेजों के सिस्टम से ही चलती है. इसलिए भारतीय कोर्ट में वकीलों के ब्लैक कोट पहनने का रिवाज अब भी चल रहा है. जानकारी के मुताबिक 1865 में इंग्लैड के शाही परिवार ने किंग्‍स चार्ल्‍स द्वितीय के निधन पर कोर्ट को ब्‍लैक कपड़े पहनने का आदेश दिया था. तब से कोर्ट में ब्‍लैक कोट पहनने का चलन शुरू हो गया. इसके बाद भारत में साल 1961 में वकीलों के लिए काला कोट अनिवार्य कर दिया गया था. माना जाता है कि यह ड्रेस कोड वकीलों में अनुशासन लाता है और न्याय के प्रति उनमें विश्वास को बढ़ाता है.

सफेद कोट पहनते हैं डॉक्टर

सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में आपने देखा होगा कि डॉक्टर हमेशा सफेद कोट पहनते हैं. डॉक्टरी फील्ड में सफेद कोट या लैब कोट यानी एप्रन पहनने पड़ते हैं, जो एक खास ड्रेस कोड है. हालांकि इसका किस्सा भी अंग्रेजों के जमाने से ही जुड़ा हुआ है. दरअसल सफेद रंग डॉक्टर की शांति और ईमानदारी को व्यक्त करता है. इसके अलावा यह रंग मरीज की आंखों को भी सुकून देता है. इसके अलावा उनकी सफेद कोट में बड़ी जेब भी होती है जिसमे वो तत्काल जरूरत पड़ने वाले मेडिकल से जुड़े सामान को रख सकते हैं. इसके अलावा यह रंग शरीर के तापमान को नॉर्मल बनाए रखने में मददगार होता है.

गंदगी से बचने में सहायक

अस्पताल और इलाज के दौरान साफ-सफाई बेहद जरूरी है. इसलिए ऐसे में माना जाता है कि सफेद कपड़े पर गंदगी तुरंत पता चल जाती है. इससे सफाई का ध्यान आसानी से रखा जा सकता है. इसके अलावा 19वीं शताब्दी के मध्य से पहले लैब में काम करने वाले वैज्ञानिक लैब कोट पहनते थे. इसका रंग गुलाबी या पीला होता था. वहीं आधुनिक सफेद कोट कनाडा में डॉ. जॉर्ज आर्मस्ट्रांग की ओर से पेश किया गया था जो मॉन्ट्रियल जनरल अस्पताल में एक सर्जन थे और कनाडाई मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष थे.

 

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