रेमल चक्रवात ने इन दिनों बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में तबाही मचा रखी है. ये तूफान 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आया था, जिसके साथ भीषण बारिश ने भी तबाही मचाई. इस तूफान के चलते पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति के मारे जाने की भी खबर है वहीं भारी नुकसान की बात सामने आ रही है, ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर समुद्र के किनारे इतने तूफान आते क्यों है और अरब सागर में लगातार तूफानों की संख्या क्यों बढ़ती जा रही है? चलिए इसकी वजह जान लेते हैं.


अरब सागर में बन रहे ज्यादा तूफान


वैज्ञानिकों के मुताबिक, अरब सागर में जो तूफान बन रहे हैं, मानसून से पहले उनके बनने की गति, समय और तीव्रता में 40 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, वहीं 20 फीसदी तीव्रता मानसून के बाद इस तरह के तूफानों के बनने में आई है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पहले यहां उतने खतरनाक तूफान नहीं बनते थे, जितने अब बनने लगे हैं.


क्यों समुद्र किनारे आते हैं इतने तूफान?


भारत में मौसम विभाग से जुड़े जलवायु वैज्ञानिकों की मानें तो तूफानों के बनने में आई तेजी का संबध समुद्र के पानी के तापमान में हो रही बढोतरी और ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ती नमी के कारण है. बता दें कि पहले अरब सागर आमतौर पर ठंडा रहता था लेकिन अब ये गरम पानी के पुल में तब्दील हो चुका है.


वहीं वैज्ञानिकों के एक अन्य अनुमान के मुताबिक, क्लायमेट चेंज के कारण समुद्र पहले ही गर्म हो चुके हैं. हाल ही में हुए अध्ययनों में ये बात सामने आई है कि मार्च के बाद अरब सागर 1.2 डिग्री गरम हो चुका है. ये स्थिति किसी भी तूफान के बनने और उसे ताकतवर बनाने में बहुत सहायक होती है.


कैसे आते हैं चक्रवाती तूफान?


बता दें कि समुद्री जल का तापमान बढ़ने पर इसके ऊपर मौजूद हवा गर्म हो जाती है, जिसके बाद ये ऊपर की ओर उठने लगती है और उस जगह पर कम दबाव का क्षेत्र बनने लगता है. इसे भरने के लिए आसपास की ठंडी हवा इस ओर बढ़ती है. गर्म और ठंडी हवाओं के मिलने से जो प्रतिक्रिया होती है, वो तूफान के रूप में सामने आती है. गर्म होकर ऊपर उठने वाली हवा में नमी भी होती है, यही वजह है कि साइक्लोन में तेज हवा के साथ बारिश भी होती है.


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