Toothpaste Colour Marks: दांतों की सफाई बहुत जरूरी है, जिसके लिए हम रोजाना टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते हैं. आजकल मार्केट में कई तरह के टूथपेस्ट उपलब्ध हैं. कई टूथपेस्ट कंपनियां दावा करती हैं कि उनका टूथपेस्ट केमिकल फ्री है. क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है कि आप जिस टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह केमिकल फ्री है या नहीं? अब बात आती है कि अगर आपको अपने टूथपेस्ट के बारे में जानना हो तो कैसे जानें.
आपने गौर किया हो तो टूथपेस्ट के पैक पर नीचे की तरफ अलग-अलग रंग की छोटी धारियां बनी होती हैं. ये धारियां काले, लाल, नीले व हरे रंग की होती है. ये धारियां ही एक सिंबल है. हर सिंबल का एक अलग मतलब होता है. चलिए तो आपको बताते हैं इन सभी रंगों का क्या मतलब होता है.
दरअसल, टूथपेस्ट में अलग-अलग तरह के कैमिकल होते हैं. इसमें पौटेशियम नाइट्रेट, ट्राईक्लोसन, अब्रेसिव्स, कैल्शियम, सोर्बिटोल, फ्लोराइड, डाई कैल्शियम फॉस्फेट और बेकिंग सोडा जैसे कैमिकल होते हैं.
- नीले रंग का मतलब है - प्राकृतिक (नेचुरल) और दवा युक्त
- लाल रंग का मतलब है - प्राकृतिक (नेचुरल) और केमिकल युक्त
- काले रंग से पता चलता है - टूथपेस्ट पूरी तरह से केमिकल युक्त है
- हरे रंग का अर्थ है - पूरी तरह से प्राकृतिक
कैमिकल का स्वास्थ पर क्या होता है असर?
बहुत से टूथपेस्ट में डाई कैल्शियम फॉस्फेट होता है. यह जानवरों की हड्डियों के चूर्ण से बनाया जाता है. इतना ही नहीं, इसके साथ ही इन टूथपेस्ट में फ्लोराइड भी मिला दिया जाता है. जिस टूथपेस्ट में डाई कैल्शियम की मात्रा 1000 pm से अधिक होती है, वह सेहत के लिए हानिकारक होता है. इस तरह के टूथपेस्ट से फ्लोरोसिस नाम की बीमारी हो सकती है. ट्राईक्लोसन केमिकल लेने से ह्दय और कैंसर जैसे रोग हो सकते हैं.
सोडियम लॉरियल सल्फेट: झाग बनाने के लिए टूथपेस्ट में सोडियम लॉरियल सल्फेट का इस्तेमाल किया जाता है. इस कैमिकल से भी कैंसर होने की संभावना रहती है. वहीं, सोडियम सलफेट की वजह से मुंह का अल्सर, हार्मोन के असंतुलन और जलन जैसी समस्याएं होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
सोर्बिटोल: इसकाका इस्तेमाल टूथपेस्ट को मीठा बनाने के लिए होता है. इससे शरीर में सूजन, अपच और गैस जैसी समस्या देखने को मिल सकती है.
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