Commandos not wear underwear: इतिहास में कुछ घटनाएं ऐसी हुई हैं जिन्होंने भूत, वर्तमान और भविष्य को बदल कर रख दिया. ऐसा ही कुछ हुआ था अमेरिका के कमांडो के साथ वियतनाम युद्ध में, एक ऐसा युद्ध जिसने भविष्य को एक नई दिशा दी कि आगे की तैयारी कैसे करनी है, चलिए आज हम आपको बताते हैं कि अपने दुश्मन को पल भर में मौत की नींद सुला देने वाले कमांडो, आखिर अमेरिका और वियतनाम युद्ध के बाद अंडरवियर क्यों नहीं पहनते हैं.
खूंखार कमांडो का हुआ बुरा हाल
कमांडो को सबसे खूंखार माना जाता है, इनको स्पेशल ऑपरेशन का जिम्मा सौंपा जाता है. अमेरिका और वियतनाम के बीच जारी युद्ध में भी अमेरिका की तरफ से इन्ही खूंखार कमांडो को जिम्मा सौंपा गया था. 1970 के दशक में लड़े गए इस युद्ध में इन कमांडो को दो तरफा युद्ध का सामना करना पड़ा. इस तरह की स्थिति का सामना अमेरिका के इन कमांडो ने पहले कभी नहीं किया था.
दरअसल वियतनाम का मौसम अमेरिका की तुलना में काफी गर्म था और इस युद्ध में इनका सामना दुश्मनों से ज्यादातर जंगलों में होता था. इससे यह हुआ कि अमेरिका के इन सैनिकों को ज्यादा समय गर्मी और उमस में रहना पड़ा.
फंगल का हमला
वियतनाम के इस हमले के दौरान अमेरिका के इन सैनिकों का सामना अपने नए दुश्मन फंगल से हुआ. ज्यादा समय तक गर्मी और उमस के बीच टाइट अंडरवियर में रहने वाले इन सैनिकों को फंगल ने अपनी चपेट में ले लिया. अमेरिकी सैनिकों की टाइट अंडरवियर उनके लिए ही दुश्मन बन गई. इस इंफेक्शन का प्रभाव इतना ज्यादा था कि इन सैनिकों के प्राइवेट पार्ट और उसके आसपास की स्किन सफेद हो गई थी. इस समस्या से निकलने के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई जिसमें एक मैसेज था 'गो कमांडो' जिसका मतलब था कमांडो अंडरवियर न पहनें.
अमेरिकी कमांडो के अलावा इसका एक किस्सा ब्रिटेन के रॉयल मरीन कमांडोज से जुड़ा है, उनको एक युद्ध के दौरान डायरिया हो गया था और बार बार अंडरवियर निकालने से अच्छा इसको न पहनने की सलाह दी गई थी.
जानें क्या है नियम
अगर हम इस मामले पर जानकारों की मानें तो कमांडो छोटे ऑपरेशन के दौरान अंडरवियर पहन सकते हैं लेकिन अगर ऑपरेशन बड़ा होने वाला हो तो उनको अंडरवियर न पहनने की सलाह दी जाती है, ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उनको किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े.
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