कई लोग दूसरे देश का वीजा पाने के लिए कई उटपटांग तरीके अपनाते हैं. आसानी से वीजा नहीं मिलने पर लोग कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं. यहां तक कि वो इसके लिए फर्जी शादी भी कर लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लोग ये करते क्यों हैं? फर्जी शादी क्या होती है और इसके करने के बाद उन्हें वीजा मिलने में क्या फायदे होते हैं.


क्या होती है फर्जी शादी?


जब वीजा पाने के लिए दो लोग किसी ऐसी शादी के बंध जाते हैं जिसमें वो एक एग्रीमेंट कर रहे हों तब उसे फर्जी शादी कहा जाता है. इस शादी में दो लोग एक-दूसरे के साथ खुशी से और पूरी जिंदगी बिताने के उद्देश्य से शादी के बंधन में नहीं बंधते, बल्कि वो कहीं से फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट ले लेते हैं और विदेश में मैरिज वीजा पा लेते हैं.


किन देशों में जीवनसाथी के साथ काम करने की मिलती है मंजूरी?


कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, नीदरलैंड, फिनलैंड और न्यूजीलैंड जैसे देश जीवनसाथी और साझेदारों को काम करने की परमिशन देते हैं, जबकि हांगकांग और अमेरिका जैसे देश केवल विवाहित जीवनसाथी को ही काम करने की परमिशन देते हैं.


क्या मिलता है फायदा?


CR1 वीजा दो साल के लिए वैध होता है, जिसके बाद वीजा धारक को ग्रीन कार्ड पर शर्तों को हटाने के लिए आवेदन करना पड़ता है, ताकि इसे स्थायी और 10 साल के लिए वैध बनाया जा सके. 10 साल की अवधि के बाद आप नया वीजा बनाने का आवेदन कर सकते हैं.


दरअसल कुछ देशों में फैमिली वीजा आसानी से मिल जाता है, ऐसे में लोग इसके लिए फर्जी शादी तक कर लेते हैं. आसानी से फैमिली वीजा देने वाले देशों में पुर्तगाल, साइप्रस, ग्रीस, मोंटेनेग्रो और माल्टा जैसे देश शामिल हैं. आप अमेरिका में एंटीगुआ और बारबुडा, मैक्सिको, बेलीज़ और निकारागुआ में आसानी से फैमिली वीजा पा सकते हैं. वहीं एशियाई देश जिनके निवास वीजा पाना आसान है, वो कंबोडिया, मलेशिया और थाईलैंड हैं.


होता है ऐसा भी काम


कई देशों में वहां के निवासी लड़की या लड़के से शादी करने पर भी आसानी से वीजा मिल जाता है. इसके लालच में कई लोग उस देश के निवासी से पैसे देकर फर्जी शादी कर लेते हैं. हालांकि कई देशों में इस तरह के फर्जी मामले सामने आने के बाद उचित कार्रवाई भी की जाती है.              


यह भी पढ़े: 'ख़तना' सिर्फ एक शब्द नहीं पूरा इतिहास है! मुसलमानों-यहूदियों और मिस्र से जुड़ी है इसकी कहानी