Night Terror: नींद में सोते-सोते अचानक से घबराकर उठ जाना, नींद में बिस्तर से उठकर चलने लगना, या नींद में जोर-जोर से चीखने लगाना. आपने शायद इस बारे में सुना होगा. ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है. ऐसा अधिकतर बच्चों के साथ होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों होता है? क्या इसके पीछे की वजह कोई बुरा सपना होता है? क्या यह कोई बीमारी है? आइए आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं. 


नाइट टेरर की वजह से होता है ऐसा.


डॉ. श्वेता शर्मा बताती हैं कि टेरर का मतलब होता है 'डर'. यहां पर नाइट टेरर से अर्थ है 'जब आप नींद में डर जाएं'. यह डर कोई आम डर नही होता और न ही ये किसी सपने से डर के उठ जाने जैसा होता है. यह उस वक्त होता है जब आप नींद की डीप स्टेज में होते हैं. आप NREM (नॉन रैपिड आई मूवमेंट) की सबसे डीप स्टेज में होते हैं. उस वक्त आप इतना दर जाते हैं कि डर से उठ जाते हैं और डर के कारण आपकी आंखें भी खुल जाती हैं. अगर आप नींद में डर रहे हैं और आपको जगाया भी जाए तो होश में आने के बाद आपको यह याद भी नहीं रहता कि क्या हुआ था. आपको उस डर का कारण भी याद नहीं रहता. कई मामलों में तो लोग नींद में चलना भी शुरू कर देते हैं. हालांकि, यह एक अलग तरह का डिसऑर्डर है, लेकिन कई बार नाइट टेरर के कारण इंसान नींद में चलने भी लगता है. इसे नाइट टेरर या पैरासोम्निया कहते हैं. यह एक तरह का डिसऑर्डर ऑफ़ अराउज़ल है.


क्या है इसकी वजह?


ऐसा होने के पीछे बहुत सी वजहें हो सकती हैं, जैसे - 


• जब आप बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में या बहुत ज़्यादा थके हुए  होते हैं तब आपके साथ ऐसा हो सकता है. 
• आपके शरीर और दिमाग को अगर रिलैक्स करने का समय नहीं मिल पाया है तो भी ऐसा होता है. 
• परिवार में नाइट टेरर की हिस्ट्री रही हो, तब भी ऐसा देखने को मिलता है. 
• कई बार पास्ट का कोई ट्रॉमा जिसने आपके दिमाग पर बहुत गहरा असर किया हो. 
• कई बार आप तनाव में होते हैं, लेकिन उस बारे में खुलकर बात नहीं करते हैं, पर दिमाग अपने हिसाब से काम कर रहा होता है. 
• जब आप गहरी नींद में होते हैं तो यह तनाव एक्टिव फेज़ में आ जाता है और आपको नाइट टेरर महसूस होता है. 


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