शराब पीने के बाद लोग बातें क्यों भूल जाते हैं? आपको पता है अल्कोहल ब्लैकआउट क्या होता है
अल्कोहल जैसे ही आपके दिमाग तक पहुंचता है, वह दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटरों के ऊपर असर डालना शुरू कर देता है, इसकी वजह से तंत्रिका तंत्र का केंद्र प्रभावित होने लगता है और आप भ्रम का शिकार हो जाते हैं.
शराब इंसानों के लिए कभी भी अच्छी नहीं रही है. स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से लेकर आर्थिक तौर पर आपको खोखला करने वाला यह पेय पदार्थ, धीरे-धीरे आपके दिमाग को भी दीमक की तरह चाट जाता है. अपने आसपास अगर आप शराब पीने वालों को देखें, तो आपको मालूम चलेगा कि ज्यादा शराब पीने के बाद उन्हें होश नहीं रहता... यानि पीने के बाद वो क्या बोलते हैं, किस बात पर हंसते हैं और किस बात पर रोने लगते हैं... नशा उतरने के बाद उन्हें खुद याद नहीं रहता. इसी पर अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एल्कोहल एब्यूज एंड एल्कोहलिज़्म ने एक रिसर्च किया है, इस रिसर्च में उन्होंने बताया है कि दुनिया भर में शराब पीने के बाद कितने लोग अपना होश खो बैठते हैं. इसके साथ ही हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आखिर यह अल्कोहल ब्लैकआउट क्या होता है, जिसका शिकार आज ज्यादातर युवा हो रहे हैं.
शराब पीने के बाद लोग अपना होश क्यों खो देते हैं?
बीबीसी को दिए अपने एक इंटरव्यू में अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एल्कोहल एब्यूज एंड एल्कोहलिज़्म के आरोन वाइट कहते हैं कि शराब पीने के बाद ज्यादातर लोग कुछ देर बाद अपना होश खो बैठते हैं. अगर उन्होंने लिमिट से ज्यादा शराब पी ली है तो वह ब्लैकआउट का भी शिकार हो जाते हैं. यानी उस दौरान उनके आसपास क्या चीजें हो रही हैं, उन्हें कुछ भी याद नहीं रहता. इसे लेकर 1000 छात्रों पर एक रिसर्च की गई जिसमें पता चला कि कम से कम दो तिहाई लोग यानी 66.4% लोग शराब पीने के बाद आंशिक ब्लैकआउट का शिकार हो गए.
वहीं, जर्मन न्यूज़ वेबसाइट डीडब्ल्यू में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी ने भी शराब के इंसानी दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर एक रिसर्च किया, जिसमें उन्हें पता चला कि बहुत ज्यादा शराब पीने के बाद आपका दिमाग अपने आसपास के माहौल को समझने में सक्षम नहीं रहता. सरल भाषा में कहें तो आपके एकाग्र होने की क्षमता शराब पीने की वजह से कमजोर होने लगती है.
शराब पीने के बाद दिमाग में क्या होता है
हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी के रिसर्चर हेल्मुट जाइत्स इस रिपोर्ट में बताते हैं कि शराब में मौजूद एथेनॉल, अल्कोहल का बहुत छोटा अणु है. शरीर के अंदर पहुंचते ही यह खून और पानी में आसानी से घुल जाता है. जबकि, इंसानी शरीर का 70 से 80 फ़ीसदी हिस्सा पानी है. यही वजह है कि अल्कोहल इसमें खुलकर आपके पूरे शरीर के साथ-साथ दिमाग तक भी पहुंच जाता है. जैसे ही यह आपके दिमाग तक पहुंचता है, उसके बाद वह दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटरों के ऊपर असर डालना शुरू कर देता है, इसकी वजह से तंत्रिका तंत्र का केंद्र प्रभावित होने लगता है. आपके तंत्रिका तंत्र का प्रभावित होना मतलब आप भ्रम की स्थिति में पहुंच जाते हैं. कई बार आप चीजों को भूल ने भी लगते हैं और पूरी तरह से अल्कोहल ब्लैकआउट का शिकार हो जाते हैं.
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