Pain Fact: आपने अक्सर देखा होगा कि अगर किसी को दर्द होता है तो वह कराहते लगता है. बहुत से लोग तो दर्द में तब तक कराहते रहते हैं जब तक कि दर्द पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता है. अब सवाल यह बनता है कि दर्द या कोई भी शारीरिक कष्ट होने पर लोग कराहते क्यों हैं? क्या ऐसा करने से उन्हें कोई फायदा होता है? या बस एक दूसरे की देखा-देखी ही लोग कराहते रहते हैं और बताते रहते हैं कि वह कष्ट में है? अगर आपको इसका जवाब नहीं पता तो आज हम आपको बताते हैं कि लोग ऐसा क्यों करते हैं...
2015 में जरनल ऑफ पेन में 'कराहने' पर एक रिसर्च प्रकाशित हुई
अगर इंसानी व्यवहार पर गौर करें तो पता चलता है कि चोटिल होने पर इलाज या दर्द निवारक दवा मिलने के बाद भी वह कराहता रहता है. ऐसा वह तब तक करता है जब तक उसे दर्द महसूस होना पूरी तरह से बंद नहीं हो जाता. इसका जवाब खोजने के लिए इस पर लगातार प्रयोग जारी थे. साल 2015 में जरनल ऑफ पेन में इस पर एक रिसर्च प्रकाशित हुई. पहली बार इस रिसर्च में कहा गया कि दर्द होने पर कराहने से राहत महसूस होती है, इसीलिए किसी को चोट लगने पर वह चीखता या कराहता है. यानी यह स्वाभाविक होने के साथ-साथ बहुत जरूरी प्रतिक्रिया भी है.
प्रयोग में क्या पाया गया?
रिसर्च के दौरान लगभग पचास लोगों पर अलग-अलग प्रयोग किए गए. एक प्रयोग में लोगों को बहुत ठंडे पानी में हाथ डालने को कहा गया. पानी में हाथ डालते ही कुछ लोगों ने खुद कराहने की स्वाभाविक आवाज निकाली. कुछ लोगों को कराहने की उनकी खुद की या किसी दूसरे व्यक्ति की रिकॉर्डेड आवाज सुनाई गईं. वहीं एक समूह के लोगों को किसी भी तरह की आवाज नहीं सुनाई गई और न ही उन्हें किसी तरह की आवाज निकालने दी गई.
तब प्रयोग में सामने आया कि कि कराहने वाले लोगों ने बाकी दोनों तरह के लोगों की तुलना में टास्क को तीन मिनट ज्यादा देर तक किया था. जिन लोगों ने अपनी या दूसरे की रिकॉर्डेड आवाज सुनीं और जिन्होंने कोई आवाज नहीं सुनी, वो लगभग बराबर समय तक ही पानी में हाथ डाले रहे थे. शोधकर्ताओं के मुताबिक रिकॉर्डेड आवाज सुनने वालों की सहनशक्ति में कोई बढ़त नहीं होना यह बताता है कि कराहने की आवाज का उद्देश्य केवल संवाद करना नहीं है.
कराहने के फायदे
- कुल मिलाकर दर्द में कराहने से पीड़ित को कई तरह के फायदे होते हैं
- आपके प्रिय जनों और आसपास के लोगों को पता चलता है कि आप अभी दर्द में है.
- करहाने से दर्द में आराम मिलता है और मांसपेशियां क्रियाशील होती है.
- करहाने से दर्द को सहन करने की क्षमता थोड़ी बढ़ जाती है.
- सबसे मजेदार बात यह है कि कराहने के लिए शरीर को अतिरिक्त प्रयास नहीं करना होता है यानी कि करहाने में सबसे कम ताकत लगती है.
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