Why Players Chew Chewing Gum: भारत में बड़ी संख्या पर क्रिकेट के फैन हैं. सचिन तेंदुलकर हो या महेंद्र सिंह धोनी या विराट कोहली या फिर कोई और विदेशी खिलाड़ी, आपने गौर किया होगा कि प्लेयर्स खेल के दौरान च्युइंग गम चबाते रहते हैं. ऐसा सिर्फ क्रिकेट प्लेयर्स ही नहीं, बल्कि अन्य स्पोर्ट्स के प्लेयर्स भी करते हैं. फिर चाहे बास्केटबॉल हो, फुटबॉल हो या कोई और गेम, प्येयर्स खेलते समय च्युइंग गम चबाते रहते हैं. क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर वो खेलते वक्त च्युइंग गम क्यों चबाते हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे क्या लॉजिक है.


प्लेयर्स किसी स्टाइल या खुद को दूसरों से अलग दिखाने के लिए च्युइंग गम नहीं चबाते हैं. दरअसल, इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है. सीधे तौर पर कहें तो खेल के दौरान अपना फोकस बढ़ाने के लिए प्लेयर्स च्युइंग गम चबाते हैं. आइए अब जानते हैं कि च्युइंग गम खाने से फोकस कैसे बढ़ता है.


च्युइंग गम चबाने के ये हैं फायदे


च्युइंग गम चबाते समय मुंह में स्वाद की पहचान करने वाले रिसेप्टर्स और जबड़े का दबाव दिमाग को लागतार सिग्नल भेजते रहते हैं. दिमाग इन सिग्नलों को प्रोसेस करता रहता है. इस तरह दिमाग एलर्ट मोड में रहता है और बारीकियों पर ज्यादा फोकस करता है. एक्टिविटी बढ़ने पर दिमाग को ज्यादा खून की आवश्यता होती है. ऐसे में दिमाग में खून का बहाव भी बढ़ जाता है. इससे दिल की तेज धड़कने लगता है.  


दिल के तेज धड़कने पर मांसपेशियों में भी खून का बहाव बढ़ जाता है. इस तरह च्युइंग गम खाने से दिमाग तो फोकस रहता ही है, साथ ही खून का बहाव बढ़ने से खिलाड़ी अपने गेम को बेहतर तरह से खेल पाता है.


तेज चबाने से क्या होगा?


कुछ हद तक यह बात सही भी है कि च्युइंग गम chewing gum को ज्यादा तेज ज्यादा तेज चबाने से ज्यादा फोकस पड़ता है और धीरे चबाने से कम फोकस बढ़ता है. जिन च्युइंग गम में फ्लेवर यानी स्वाद होता है, उन्हें चबाना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. 


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