प्रोग्रामर लोग हेडफोन क्यों पहनते हैं? क्या वो इसमें गाने सुनते हैं या वजह कुछ और ही है?
टेक्नोलॉजी गाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रोग्रामिंग करते समय कई तरह की कंप्यूटर लैंग्वेज की जरूरत पड़ती है. इसीलिए प्रोग्रामर को काफी फोकस के साथ काम करना होता है.
Why IT Professional Put Headphones: डेली लाइफ में टेक्नोलॉजी से हमारा कदम-कदम पर इत्तेफाक होता रहता है. टेक्नोलॉजी का क्षेत्र बहुत बड़ा है. बहुत सी टेक्नोलॉजी ऐसी है जो सॉफ्टवेयर पर काम करती हैं. सॉफ्टवेयर तैयार करके के लिए प्रोग्रामिंग (Programming) की जरूरत पड़ती है. किसी भी गैजेट को तैयार करने में प्रोग्रामिंग करने वाले आईटी प्रोफेशनल्स का अहम रोल होता है. कम्प्यूटर साॅफ्टवेयर से लेकर मोबाइल गेम्स तैयार करने वाले आईटी प्रोफेशनल्स को प्रोग्रामर्स कहा जाता है. आप कभी भी इन प्रोग्रामर्स को काम करते देखेंगे तो ये आपको हमेशा हेडफोन लगाए हुए नजर आएंगे, या फिर ईयरपीस लगाए रखते हैं.
आपने बहुत-सी फिल्मों में भी देखा होगा कि जब किसी अपराधी को पकड़ना होता है तो ये काम के समय हेडफोन पहने रखते हैं. खास बात ये है हेडफोन में वो न तो गाना सुनते हैं और न ही कोई दूसरी ऑडियो, फिर ये लोग हेडफोन क्यों पहनते हैं? आइए जानते हैं...
काम पर फोकस करने की होती है जरूरत
टेक्नोलॉजी गाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रोग्रामिंग करते समय कई तरह की कंप्यूटर लैंग्वेज की जरूरत पड़ती है. इसमें सी, सी++ समेत कई दूसरी लैंग्वेज का इस्तेमाल होता है. ये लैंग्वेज काफी जटिल होती हैं. अगर प्रोग्राम को बनाते समय प्रोग्रामर्स से छोटी से छोटी भी गलती होती है तो एरर (Error) आ जाता है. ये एरर न हो, इसके लिए ही प्रोग्रामर्स हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं. आइए अब समझते हैं कि प्रोग्राम और एरर का कानों से क्या कनेक्शन है.
इस तरह रख पाते हैं काम पर फोकस
दरअसल, प्रोग्रामिंग एक ऐसा काम है, जिसे करते वक्त इस काम पर काफी फोकस करना होता है. काम करते समय प्रोग्रामर्स हेडफोन इसलिए लगाते हैं ताकि बाहर की दुनिया का शोर, बातचीत और दूसरी आवाजें उनके कानों तक न पहुंचें. ऐसा करने से उनका ध्यान नहीं भटकता है और वो प्रोग्रामिंग पर पूरा फोकस रख पाते हैं.
डू नॉट डिस्टर्ब का है प्रतीक
IT कंपनियों में हेडफोन को लगाना इस बात का संकेत माना जाता है कि उस शख्स को डिस्टर्ब नहीं करना है. यह एक प्रकार का ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ का प्रतीक है. जब इनके पर हेडफोन नहीं होता तो वो ईयरपीस का इस्तेमाल करते हैं और काम के लिए ऐसी जगह चुनते हैं जहां शोर, बातचीत और दूसरी आवाजें कम हों.
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