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मंगल ग्रह को इस चीज से गर्म क्यों करना चाहते हैं वैज्ञानिक?

मंगल ग्रह का वातावरण बहुत पतला है और इसमें 95 फीसदी कार्बन डाइऑक्साइड है, जबकि ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम है. इन वजहों से मंगल पर जीवन सीधे तौर पर संभव नहीं है.

इंसान अब धरती के अलावा एक और घर की तलाश में मंगल ग्रह तक पहुंच गया है. वहां जीवन की संभावनाओं की तलाश जारी है. इसी कड़ी में अब वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि मंगल ग्रह पर अगर इंसानी बस्तियां बसानी हैं तो सबसे पहले उसकी सतह को गर्म करना होगा. चलिए आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि आखिर वैज्ञानिक ऐसा कैसे करेंगे.

कैसे गर्म होगा मंगल ग्रह

अमेरिका स्थित शिकागो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि अगर मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को बढ़ाना है तो उसकी सतह के तापमान को लगभग 28 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ाना होगा. वैज्ञानिक इसके लिए नैनोरॉड्स का इस्तेमाल करेंगे.

मंगल ग्रह को गर्म करना क्यों जरूरी है

जर्मनी की न्यूज वेबसाइट डीडब्लू को दिए अपने एक इंटरव्यू में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, इलिनोयी की पीएचडी छात्रा सामनेह अंसारी कहती हैं कि मंगल ग्रह की सतह का औसत तापमान लगभग माइनस 65 डिग्री सेल्सियस होता है. इसके अलावा इस ग्रह के पतले वातावरण की वजह से हानिकारक सौर किरणें इसकी सतह पर आसानी से आ जाती हैं. इसके अलावा इस ग्रह पर ऑक्सीजन की भी कमी है, ऐसे में अगर मंगल ग्रह का तापमान बढ़ा दिया जाए तो चीजें इंसानों के लिहाज से बेहतर हो जाएंगी. चलिए अब आपको बताते हैं कि मंगल ग्रह पर जीवन को लेकर कितनी चुनौतियां हैं.

वातावरण और जलवायु की चुनौती

मंगल ग्रह का वातावरण बहुत पतला है और इसमें 95 फीसदी कार्बन डाइऑक्साइड है, जबकि ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम है. इंसानी जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन और वायुमंडलीय दबाव की कमी के कारण, मंगल पर जीवन सीधे तौर पर संभव नहीं है. इसके अलावा मंगल ग्रह की सतह का तापमान बहुत ज्यादा ठंडा होता है, जो औसतन -60 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है. वहीं तापमान में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव भी मानव जीवन के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

पानी की कमी और रेडिएशन की अधिकता

मंगल ग्रह पर पानी की खोज के सबूत भले ही मिले हैं, लेकिन यह पानी मुख्य रूप से बर्फ के रूप में या भूमिगत है. बिना पानी के इंसानी जीवन संभव नहीं है, इसलिए मंगल पर मानव बस्तियों के लिए पानी के स्रोतों का पता लगाना और उन्हें उपयोग में लाना महत्वपूर्ण है.

वहीं रेडिएशन की बात करें तो मंगल का चुंबकीय क्षेत्र बहुत कमजोर है और वहां का वायुमंडल भी बहुत पतला है, जिसकी वजह से सौर और कॉस्मिक रेडिएशन का खतरा हमेशा होता है. यह रेडिएशन इंसानों के लिए हानिकारक है और इसके प्रभाव से बचने के लिए विशेष सुरक्षा उपायों की जरूरत होगी. इसके अलावा और भी कई चीजें हैं जो मंगल ग्रह पर फिलहाल इंसानी जीवन के लिए चुनौती बनी हैं.

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