टायरों पर अलग-अलग क्यों होता है डिजाइन, क्या है इसकी वजह?
आपने ट्रैक्टर, कार और बाइक के अलग-अलग टायरों के साथ उनके डिजाइन पर कभी गौर किया हो तो वो भी आपको अलग-अलग नजर आएंगे, लेकिन ऐसा क्यों है? चलिए जानते हैं.
ट्रैक्टर, कार, बाइक, साइकिल… हर गाड़ी में लगे टायर अलग-अलग होते हैं. साथ ही टायरों का डिजाइन भी अलग-अलग होता है. दरअसल इन अनोखे डिजाइनों को टायर ट्रैड पैटर्न कहा जाता है. किसी भी वाहन को सही से चलाने में ये बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैं, जिन्हें जमीन और रेतीले इलाकों में वाहनों की पकड़ बनाने के लिए डिजाइन किया जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर ये पैटर्न होते क्या हैं और अलग-अलग क्यों बनाए जाते हैं.
क्या होता है टायर ट्रेड?
टायर ट्रेड टायर पर लगा रबर होता है जो सड़क की सतह से संपर्क बनाता है. ऐसे में इसका संपर्क क्षेत्र जितना बड़ा होगा, पकड़ उतनी ही ज्यादा होती है. इसलिए रेस कारों पर इस्तेमाल किए जाने वाले टायर चौड़े होते हैं ताकि उन्हें सबसे बड़ा संपर्क पैच मिल सके. साथ ही, कुछ रेस कारों के टायर ट्रेड में कोई खांचा नहीं होता है जिससे सतह का पूरा क्षेत्र जमीन के संपर्क में बना रहता है. यही वजह है कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा पकड़ मिलती है, इन्हें स्लिक टायर कहा जाता है. हालांकि ऐसे टायर सड़क पर चलने वालों कारों में लगाना अवैध हैं और इन्हें नियमित सड़कों पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि वो गीली सतहों पर पानी पर चलने में सक्षम नहीं होते हैं और इसलिए हाइड्रोप्लेनिंग का शिकार हो जाते हैं जो बेहद खतरनाक है.
कितने प्रकार के होते हैं टायर ट्रेड पैटर्न?
ब्लाकों- किसी भी टायर में परिधि के साथ खांचे द्वारा अलग किए गए रबर के उभरे हुए ब्लॉक होते हैं. वो अपने आकार और आकार के आधार पर पकड़ बनाने का सबसे जरुरी काम करते हैं. बता दें ट्रेड ब्लॉक को लग्स भी कहा जाता है.
पसली
रिब रबर का वो हिस्सा होता है जो टायर की परिधि के साथ चलता है. ये शोर को कम करने में मदद करता है. पसलियों को एक खास काम करने के लिए डिजाइन किया जाता है, उदाहरण के तौर पर देखें तो ये केंद्रीय रिब त्वरण और ब्रेक लगाने के दौरान कर्षण प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है.
खांचे
किसी भी टायर में खांचे वे चैनल होते हैं जो टायर की सतह पर परिधिगत और पार्श्विक रूप से चलते हैं. वो टायर की सतह के नीचे के पानी को किनारों की ओर ले जाने के लिए जिम्मेदार होते हैं, जिससे हाइड्रोप्लेनिंग को रोका जा सकता है. वे हवा को ट्रेड ब्लॉक से गुजरने में भी मदद करते हैं और टायर को ठंडा होने में मदद करते हैं. टायर ट्रेड में परिधिगत और पार्श्विक खांचे होते हैं. परिधिगत खांचे टायर ट्रेड के चारों ओर परिधिगत रूप से चलते हैं जबकि पार्श्विक खांचे टायर ट्रेड के आर-पार चलते हैं. परिधिगत खांचे पार्श्विक खांचे से ज्यादा गहरे होते हैं.
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