आकाशगंगा में हमें तारे एक साथ क्यों दिखाई देते हैं, क्या है इसके पीछे का विज्ञान
आकाशगंगा एक गोलाकार या चक्राकार संरचना होती है, जिसमें हजारों लाखों तारे एक साथ होते हैं. हम जिस आकाशगंगा का हिस्सा हैं उसे मिल्की वे के नाम से जाना जाता है.
अगर आप दिल्ली जैसे शहर में रहते हैं तो रात में शायद ही आप तारे देख पाएं. लेकिन अगर आप किसी पहाड़ी इलाके में रहते हैं तो रात में आप ना सिर्फ तारे देख पाएंगे, बल्कि कभी-कभी आपको आकाशगंगा के भी दर्शन हो जाते हैं. इसके अलावा आप आकाशगंगा को नासा या इसरो द्वारा ली गई तस्वीरों में भी देख सकते हैं. इन तस्वीरों में आप देखेंगे तो आपको दिखेगा कि तारें एक साथ नजर आते हैं. जैसे, तारे एक दूसरे से बेहद नजदीक हैं.
हालांकि, असलियत में ये एक दूसरे से लाखों करोड़ों किलोमीटर दूर होते हैं. चलिए जानते हैं कि आखिर आकाशगंगा, जिसे हम गैलेक्सी भी कहते हैं, एक विशाल संरचना है जिसमें अरबों तारे, ग्रह, गैस, धूल, और अंधेरा पदार्थ शामिल हैं. जब हम रात के आसमान में देखते हैं, तो हमें कई तारे एक साथ चमकते हुए दिखाई देते हैं. लेकिन इसके पीछे का विज्ञान क्या है? आइए इसे विस्तार से समझते हैं.
आकाशगंगा कैसी होती है
आकाशगंगा एक गोलाकार या चक्राकार संरचना होती है, जिसमें हजारों लाखों तारे एक साथ होते हैं. हम जिस आकाशगंगा का हिस्सा हैं उसे मिल्की वे के नाम से जाना जाता है, जो एक स्पाइरल गैलेक्सी है, जिसमें तारे एक डिस्क में व्यवस्थित हैं.
एक साथ क्यों दिखते हैं तारे
आकाशगंगा में तारों का एक साथ दिखना कई कारकों पर निर्भर करता है. जैसे- जब हम तारे देखते हैं, तो हम केवल उन तारों की रोशनी को देख रहे होते हैं, जो हमारे पास बहुत देर बाद पहुंचते हैं.आसान भाषा में कहें तो तारे वास्तव में एक-दूसरे से बहुत दूर होते हैं, लेकिन उनका प्रकाश जब हमारी आंखों तक पहुंचता है तो वह हमें एक साथ दिखाई देते हैं.
ये बात सिर्फ तारों के लिए लागू नहीं होती, अगर कोई चीज अधिक मात्रा में है और एक दूसरे कुछ दूरी पर स्थित है, तो वह काफी दूर से देखने पर हमें एक दम चिपके-चिपके दिखाई देते हैं. जैसे काफी ऊपर से ड्रोन से लिए गए वीडियो में जब आप अपना मोहल्ला देखते हैं तो घर एक दम सटे-सटे दिखाई देते हैं, लेकिन असलियत में उनके बीच दूरी होती है.
आंखों की क्षमता और तारों की चमक
दरअसल, आकाशगंगा में तारे एक-दूसरे के करीब लगते हैं क्योंकि हमारी आंखों की तय सीमाएं होती हैं. यानी हमारी आंखों के देखने की क्षमता एक निश्चित दूरी तक सीमित होती है और हम केवल उस रोशनी को देख सकते हैं जो पृथ्वी तक पहुंचती है. ऐसे में जब कई तारे एक साथ चमकते हैं, तो सबकी एकत्रित रोशनी एक साथ पृथ्वी तक पहुंचती है, जिससे हमें लगता है कि वे एक साथ हैं.
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