दिल्ली एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में गर्मी अपने चरम पर है. थोड़ी देर  के लिए अगर आप एसी, कूलर से दूर चले जाएं तो पसीने से तर बतर हो जाएंगे. कई बार तो ऐसा होता है कि आप बाथरूम से नहा कर आते हैं और शरीर का पानी सूखते-सूखते पसीना होना शुरू हो जाता है. पसीना आना ऐसे तो अच्छी बात है, लेकिन जब ज्यादा आने लगता है तो यह परेशान करने लगता है, इंसान इसकी वजह से चिड़चिड़ा हो जाता है. आज इस आर्टिकल में हम आपको यही बताएंगे कि आखिर इंसानों को पसीना आता क्यों है? इसके पीछे की साइंस क्या है?


हमे कब आता है पसीना?


पसीना आना एक नेचुरल प्रक्रिया है, यह हर जीवित जीव को आता है. दरअसल, गर्मी के मौसम में जब हमारे शरीर का तापमान बढ़ने लगता है तो उसे सामान्य रखने के लिए शरीर में मौजूद पसीने की ग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं और इनके जरिए निकलने वाले तरल पदार्थ को पसीना कहा जाता है. इससे शरीर का तापमान नियंत्रित हो जाता है. सबसे खास बात की अगर आपको पसीना निकल रहा है तो आप गर्मी में 'हीट स्ट्रोक' जैसी समस्या से बचे रह सकते हैं.


क्या पसीना निकलना बुरा होता है


ऐसे तो पसीना निकलना अच्छा माना जाता है, लेकिन कुछ स्थितियों में ये बहुत बुरा माना जाता है. अगर आपको ठंड में या फिर रूम टेंपरेचर पर पसीना आ रहा है, तो यह आपके लिए हानिकारक है. अगर आपको कभी घबराहट के साथ पसीना आ रहा हो तो वह हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या की निशानी है. ऐसे में आपको तत्काल रूप से डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. अगर आपको कभी भी सामान्य टेंपरेचर पर पसीना आए या फिर बहुत पसीना आए तो यह चिंता की बात है और आपको ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है.


कब पसीना निकलना फायदेमंद होता है?


अगर आपको गर्मी के कारण पसीना निकल रहा है, वर्कआउट की वजह से पसीना हो रहा या फिर आपको रनिंग के दौरान पसीना हो रहा है तो यह अच्छी बात है और आपको इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. खासतौर से वर्कआउट और एक्सरसाइज के दौरान तो पसीना होना बिल्कुल सही माना जाता है.


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