Yawning Reason: अक्सर आपने देखा होगा कि जब कोई जम्हाई या उबासी लेता है और हमारी नजर उसपर पड़ जाती है तो हमें भी उबासी आने लगती है. आपके साथ भी अक्सर ऐसा होता रहता होगा. दरअसल, किसी को उबासी लेते देख खुद भी उबासी लेना हम इंसानों के व्यवहार में शामिल होता है. इसको लेकर कई रिसर्च हुई हैं. आइए इसके पीछे के विज्ञान को समझते हैं.


इसके पीछे है विज्ञान


जम्हाई लेते वक्त अक्सर लोग टोकते हुए कहते हैं कि रात सोए नहीं थे या नींद पूरी नहीं हुई थी क्या? लेकिन इसके पीछे हमेशा नींद पूरी न होना वजह नहीं होती है. कभी-कभी किसी दूसरे को जम्हाई लेते देख भी जम्हाई आ जाती है. इसके पीछे भी विज्ञान है और इसका संबंध हमारे मस्तिष्क से है. 


दिमाग को ठंडा करती है जम्हाई


अमेरिका की प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में हुई एक स्टडी के अनुसार, इंसान को उबासी आने का कनेक्शन उसके दिमाग से है. काम करते हुए जब हमारा दिमाग गर्म हो जाता है तो इसे थोड़ा ठंडा करने के लिए ही उबासी आती है. जम्हाई आने से हमारे शरीर का टेंपरेचर स्थिर हो जाता है. Animal Behaviour जर्नल में प्रकाशित हुई एक रिसर्च स्टडी कहती है कि जिन लोगों का दिमाग अधिक काम करता है, उन्हें थोड़ी लंबी उबासी आती है.


संक्रमण का कारण जम्हाई


म्यूनिख साइकियाट्रिक यूनिवर्सिटी अस्पताल में भी साल 2004 में इस विषय पर एक स्टडी हुई थी. इस स्टडी का कहना था कि उबासी संक्रमण के फैलने का कारण बन सकती है. यह स्टडी 300 लोगों पर हुई, जिसमें 150 लोगों को बाकी के लोगों को देखकर उबासी आने लगी थी.


न्यूरॉन सिस्टम हो जाता है एक्टिव


वैज्ञानिकों का कहना है कि जब कोई इंसान हमारे जम्हाई लेता है, तो उसे देखकर हमारा मिरर न्यूरॉन सिस्टम एक्टिव हो जाता है. यह सिस्टम हमें उबासी की नकल करने के लिए प्रेरित करता है. यही कारण है कि ड्राइवर के बराबर वाली सीट पर बैठे व्यक्ति को जम्हाई लेने या नींद लेने के लिए मना किया जाता है. क्योंकि ऐसा करने पर ड्राइवर को भी जम्हाई आती है और उसे नींद का अनुभव होता है.


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