झुंड में क्यों चलते हैं भेड़िये, इस वजह से शेर भी शिकार करने से डरते
भेड़िये सबसे ज्यादा अनुशासित जानवर होते हैं और झुंड के मुखिया की हर बात मानते हैं. यही कारण है कि जब कोई भेड़िया अपने झुंड से बिछड़ जाता है, तो चीखकर या आवाज निकालकर अपने साथियों को बुलाता है.
बचपन से हमने किताबों में पढ़ा है कि शेर जंगल का राजा है.लेकिन क्या आपको पता है कि शेर भी भेड़िये का शिकार करने से डरता है. दरअसल जीव वैज्ञानिकों के मुताबिक भेड़िये झुंड में चलते हैं और अगर झुंड के किसी साथी पर कोई जानवर हमला करता है, तो सारे भेड़िये एक साथ लड़ने-मरने को तैयार रहते हैं. इस वजह से शेर जैसे जानवर भी भेड़िये के पास आने से डरते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि भेड़िये हमेशा झुंड में क्यों चलते हैं और रात के वक्त क्यों चिल्लाते हैं.
झुंड में क्यों चलते हैं भेड़िये
वैज्ञानिकों के मुताबिक भेड़ियों के झुंड में चलने के पीछे उनकी बॉन्डिंग जिम्मेदार है. क्योंकि भेड़ियों की आपस में बहुत अच्छी बॉन्डिंग होती है और एक दूसरे का बहुत ख्याल रखते हैं. इतना ही नहीं उनके परिवार का सबसे बुजुर्ग सदस्य या मुखिया प्रत्येक सदस्य का ख्याल रखना है और उन्हें हमेशा साथ लेकर चलता है. यही कारण है कि भेड़िये अपने झुंड से बिछड़ना पसंद नहीं करते हैं. भेड़ियों के झुंड में अक्सर 7-12 या 20 से 30 भेड़िये सदस्य होते हैं.
झुंड का नेता सबसे पीछे
भेड़ियों को सबसे अनुशासित जानवर माना जाता है. इतना ही नहीं सारे भेड़िये झुंड के मुखिया की हर बात मानते हैं. जंगल में जब भेड़िये एक साथ झुंड में चलते हैं, तब भी बेहद अनुशासित रहते हैं. भेड़िये जब झुंड में चलते हैं तो सबसे आगे तीन बूढ़े भेड़िये होते हैं, जो पूरे झुंड को गति देते हैं. हमला होने की स्थिति में ये अपनी कुर्बानी भी दे देते हैं. इसके बाद की पंक्ति में झुंड के 5 सबसे मजबूत सदस्य होते हैं. वहीं सेंटर में झुंड के बाकी सदस्य होते हैं. सबसे आखिरी में झुंड का नेता होता है, जो अल्फा मेल होता है. वह सबसे पीछे रहकर सब कुछ नियंत्रित करता है.
रात में क्यों चीखते हैं भेड़िये
आपने अक्सर रात के वक्त भेड़ियों को चीखते हुए सुना होगा. दरअसल जब कोई भेड़िया अपने झुंड से बिछड़ जाता है, तो वह चीखकर या आवाज निकालकर दूसरे भेड़िये से संवाद करने की कोशिश करता है. इसके अलावा जब कोई दूसरा भेड़िया क्षेत्र में घुसने या दखल देने का प्रयास करता है, तो उस वक्त भी भेड़िये चीख कर अपना विरोध जताते हैं. भेड़ियों की आवाज इतनी तेज होती है कि इसे 6-7 मील दूर तक सुना जा सकता है. इस आवाज के जरिए अपने झुंड से बिछड़ा कोई भेड़िया आसानी से वापस साथियों तक पहुंच सकता है. भेड़िये रात्रिचर प्राणी हैं, इस कारण उनके चिल्लाने की आवाज रात में सुनाई देती है.
दुनिया में भेड़ियों की 27 प्रजातियां
बता दें कि दुनिया में भेड़ियों की करीब 27 प्रजातियां पाई जाती हैं. एक वयस्क नर भेड़िया 6.5 फीट तक लंबा होता है और मादा भेड़िया की लंबाई 4.5 से 6 फीट तक हो सकती है. भेड़िया 36 से 38 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं. इतना ही नहीं 42 नूकीले दांत वाले भेड़िये बड़े से बड़े शिकार को पलक झपकते गिरा देते हैं. वहीं भेड़ियों का इलाका 1000 स्क्वायर मिल तक फैला हो सकता है. हालांकि भारत में शिकार और दूसरे कारणों से इनकी संख्या तेजी से घट रही है. वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत भेड़ियों को ”लुप्तप्राय” कैटेगरी में रखा गया है. भारतीय वन्यजीव संस्थान के एक अध्ययन के मुताबिक कुत्तों के साथ क्रॉस-ब्रीडिंग का भेड़ियों के जीन पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ता है, इनकी संख्या घटने के पीछे यह भी एक कारण है.