(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
किसी इंसान को क्यों लगती है शराब की लत, क्या है इसके पीछे का साइंस
शराब पीने के शौकीन लोग हर जगह है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब की लत किसी इंसान को कब और कैसे लगती है. जानिए शरीर में किन बदलाव के कारण शराब की लत लगती है.
दुनियाभर में शराब के शौकीन बहुत लोग हैं. भारत समेत अलग-अलग देशों में शराब का ब्रांड और प्रकार भी अलग है. लेकिन हर जगह एक चीज कॉमन है, वो है शराब की लत. जी हां आपने अपने अक्सर अपने आस-पास सुना होगा कि कुछ लोगों को शराब की लत लगी हुई है. आज हम आपको बताएंगे कि शराब की लत क्या होती है और इसके पीछे कारण क्या है.
शराब
शराब पीना आज के वक्त बहुत आम बात है. भारत में ही लोग अंग्रेजी से लेकर देसी शराब तक का सेवन करते हैं. इसमें कुछ लोग कभी-कभी पीने वाले हैं, वहीं कुछ लोग हर रोज यानी उनको शराब की लत है. किंग्स कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स ने प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में एक स्टडी पब्लिश की थी. इस रिचर्स के मुताबिक RASGRF-2 नामक जीन लोगों में शराब पीने की खुशी पर असर डाल सकता है. यह रिसर्च जेनेटिक्स, ब्रेन केमिस्ट्री और शराब के साथ हमारे रिश्ते को उजागर करती है.
बता दें कि इस स्टडी में डोपामाइन पर काफी ज्यादा ध्यान दिया गया है. डोपामाइन दिमाग में मजे और खुशी से जुड़ा एक न्यूरोट्रांसमीटर है. जब हमको कोई चीज मजेदार लगती है, जैसे- टेस्टी फूड खाना या फेवरेट म्यूजिक सुनना, तो डोपामाइन का लेवल बढ़ जाता है. इससे सुकून मिलने का अहसास हो सकता है. यह मजा देने वाली चीजों की आदत को बढ़ाता है.
इसके अलावा रिसर्चर्स का मानना है कि RASGRF-2 जीन शराब पीने पर डोपामाइन के निकलने के तरीके से जुड़ा हो सकता है. उनकी रिसर्च यह बताती है कि जिन लोगों में यह जीन पाया जाता है, उनमें शराब पीने के बाद डोपामाइन में ज्यादा इजाफा हो सकता है, जिससे मजा मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
रिसर्च में आया सामने
अब सवाल ये है कि शराब की लत किसे है ये कैसे पता चलेगा. बता दें कि शराब की लत लगने की वजह जानने के लिए रिसर्चर्स ने लगभग 14 साल की उम्र के 663 बच्चों को शामिल करते हुए एक स्टडी की थी. उन्होंने बच्चों को ऐसे काम करने के लिए कहा था, जिससे दिमाग का वेंट्रल स्ट्रिएटम एक्टिव हो सके. डोपामाइन रिलीज होने में इस हिस्से की बड़ी अहमियत होती है. लेकिन दो साल बाद 16 साल की उम्र में रिसर्चर्स ने जब इन बच्चों से फिर से मुलाकात किया था, उस वक्त चौकाने वाले नजीते आए थे.
दरअसल जिन युवाओं में RASGRF-2 जीन था, उनमें जीन के बिना वाले लोगों की तुलना में ज्यादा बार और आसानी से शराब पीने की आदत दिखाई दी थी. हालांकि स्टडी के चीफ ऑथर प्रोफेसर गुंटर शूमैन के मुताबिक कई दूसरे जीन और माहौल का असर भी शराबखोरी बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है.
शराब पीने से मौत
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में शराब पीने से दुनिया भर में लगभग 26 लाख लोगों की जान गई है. वहीं इनमें से 4.74 लाख मौतें तो शराबखोरी से पैदा हुई दिल की बीमारियों की वजह से हुई हैं.
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