National Tattoo Day: टैटू कभी मिटता क्यों नहीं है? जानें इसके पीछे क्या है साइंस
दुनियाभर में टैटू का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि परमानेंट टैटू कैसे बनता है कि ये मिटता क्यों नहीं है. जानिए परमानेंट टैटू को किन-किन तरीकों से मिटाया जा सकता है.
दुनियाभर में टैटू का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. कई देशों में लोग पूरे शरीर पर टैटू बनवाना पसंद करते है. बीते कुछ सालों से भारत में भी परमानेंट टैटू बनवाने का क्रेज बढ़ा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर टैटू कभी क्यों नहीं मिटता है और इसके पीछे का कारण क्या है. आज हम आपको बताएंगे कि परमानेंट टैटू कैसे बनता है और इसे कैसे मिटाया जा सकता है.
टैटू
टैटू का क्रेज पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है. खासकर युवा वर्ग कूल और स्टाइलिश दिखने के लिए टैटू बनवा रहे हैं. हर साल 17 जुलाई के दिन नेशनल टैटू डे मनाया जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि टैटू बनवाना कितना खतरनाक है और इससे कैंसर का खतरा कितना बढ़ जाता है. कई रिपोर्ट्स में सामने आया है कि जो लोग टैटू बनवाते हैं, उनका बाकी लोगों की तुलना में संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है.
टैटू मिटता क्यों नहीं
अब सवाल ये है कि आखिर परमानेंट टैटू कभी मिटता क्यों नहीं है. एक्सपर्ट ने बताया कि परमानेंट टैटू जब किसी की त्वचा पर बनाया जाता है, उस दौरान सुई के द्वारा रंग स्किन के कई लेयर के अंदर तक डाला जाता है. यही कारण है कि सालों-साल बाद भी टैटू मिटता नहीं है. हालांकि अस्थाई टैटू सिर्फ स्कीन के ऊपर बनाया जाता है, यही कारण है कि वो आसानी से मिट जाता है.
टैटू से खतरा
बता दें कि टैटू शरीर के लिए काफी खतरनाक माना जाता है. इससे कई गंभीर बीमारियां फैलने की संभावना होती है. जर्नल एनालिटिकल केमिस्ट्री में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक टैटू की इंक में कई खतरनाक केमिकल्स मौजूद होते हैं, जिससे स्किन, लंग्स और लिवर में इरिटेशन हो सकते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई बार टैटू में इस्तेमाल होने वाली नीडल सही नहीं होने की वजह से ब्लड से फैलने वाली कई खतरनाक बीमारियों का जोखिम रहता है. इससे हेपेटाइटिस-सी, HIV या एड्स, मेथिसिलिन-प्रतिरोधी स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसी बेहद गंभीर बीमारी हो सकती है.
टैटू कैसे हटता
परमानेंट टैटू कभी भी अपने से नहीं हटता है. अब सवाल ये है कि आखिर परमानेंट टैटू कैसे हटता है और इसके लिए कौन सी तकनीक को अच्छा और सुरक्षित माना जाता है. बता दें कि आज के वक्त लेजर टैटू रिमूवल स्थायी टैटू हटाने का सबसे कारगर तरीका है. यह तकनीक त्वचा से टैटू के स्याही के कणों को उच्च-तीव्रता वाले लेजर प्रकाश का उपयोग करके हटाती है. इसके अलावा डर्माब्रेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें एक त्वचा विशेषज्ञ टैटू की स्याही को हटाने के लिए त्वचा की ऊपरी परत को घिसते हैं. ये घिसाई स्किन की भीतरी परतों तक जाती है, इससे टैटू की स्याही स्किन से बाहर निकल जाती है. यह तरीका लेजर टैटू रिमूवल जितना प्रभावी नहीं है और यह काफी दर्दनाक होता है. इसमें निशान, संक्रमण और त्वचा की बनावट में बदलाव का भी अधिक खतरा होता है. टैटू हटाने के लिए सर्जिकल मेथड की मदद लिया जा सकता है. हालांकि ये काफी खर्चीला और संक्रमण जोखिम का खतरा होता है .
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