एक आईपीएस अधिकारी अपने से बड़े अधिकारियों के सामने क्यों नहीं पहनते हैं कैंप, जानिए इसकी वजह
देश में यूपीएसएसी के जरिए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का चयन होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक आईएएस अधिकारी के सामने आईपीएस अधिकारी कैप क्यों नहीं पहनता है. जानिए इसकी वजह.
देश की सीमाओं के सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय सेना के सुरक्षाबलों की होती है. लेकिन देश के भीतर सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिसफोर्स और प्रशासनिक अधिकारियों की होती है. वहीं देश के अधिकांश प्रशासनिक अधिकारी यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक करने के बनते हैं. इस परीक्षा से आईएएस (IAS) और आईपीएस (IPS) पद के लिए लोगों को चुना जाता है. वहीं एक आईएएस ऑफिसर का पद एक आईपीएस ऑफिसर के पद से बड़ा होता है. इसलिए आपने देखा होगा कि अक्सर एक आईएएस के आने पर एक आईपीएस ऑफिसर को उन्हें सैल्यूट करना पड़ता है. लेकिन आपने ये भी देखा होगा कि एक आईएएस अफसर के सामने आईपीएस अधिकारी कैप नहीं पहनता है. क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं.
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IAS और IPS में क्या अंतर
अब सबसे पहले ये समझते हैं कि एक आईएएस और एक आईपीएस अधिकारी में क्या अंतर होता है. बता दें कि आईएएस और आईपीएस दोनों ही ऑल इंडिया सर्विसेज हैं, लेकिन दोनों की कैडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी अलग-अलग है. आईएएस और आईपीएस परीक्षा पास करने वाले अधिकारी दोनों ही देश की पावरफुल पोस्ट पर तैनात होते हैं. दरअसल एक आईएएस अफसर डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात होते हैं. उनके पास जिले के सभी विभागों की जिम्मेदारी होती है. वहीं आईपीएस अधिकारी के पास एक विभाग की जिम्मेदारी होती है.
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आईएएस अफसर के सामने क्यों कैप नहीं पहनते आईपीएस
अब सवाल ये है कि ज्यादातर आईपीएस ऑफिसर एक आईएएस ऑफिसर के सामने अपनी कैप क्यों नहीं पहनते हैं. बता दें कि जब आईपीएस ऑफिसर एक आईएएस ऑफिसर के साथ मीटिंग में जाते हैं, तो प्रोटोकॉल के मुताबिक आईपीएस ऑफिसर को आईएएस ऑफिसर को सैल्यूट करना होता है. हालांकि इसके लिए भी नियम है, आईपीएस अधिकारी ऐसा तभी करता है, जब एक आईपीएस अपनी फुल यूनिफॉर्म में होता है. वहीं अगर एक आईपीएस ने अपनी कैप नहीं पहनी है, तो वे आईएएस ऑफिसर को सैल्यूट करने के लिए बाध्य नहीं होंगे. इसलिए अक्सर ज्यादातर आईपीएस एक आईएएस ऑफिसर के सामने अपनी कैप नहीं पहनते हैं.
बता दें कि एक आईएएस की शुरूआती सैलरी 56,100 होती है, इसके अलावा हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और ट्रैवल अलाउंस (TA) भी होता है. वहीं डीजीपी बनने के बाद एक आईपीएस की सैलरी 56,100 से लेकर 2,25,000 प्रति माह तक हो सकती है. गौरतलब है कि प्रशासनिक सेवा में आईएएस सबसे ऊंचा पद माना जाता है. आईएएस के बाद ही दूसरी रैंक वालों को जो पद मिलता है, वो आईपीएस है. आईएएस की ट्रेनिंग लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBNSAA) में होती है. वहीं आईपीएस अधिकारियों की ट्रेनिंग सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) में दी जाती हैं.
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