ड्रीम गर्ल...ड्रीम गर्ल... फिल्मों के शौकीन में शायद ही कोई ऐसा होगा जो ये गाना नहीं सुना होगा. 1977 में आई ड्रीमगर्ल फिल्म आज भी सुपरहिट है. लेकिन आज बात फिल्म की नहीं, बल्कि असल जीवन के ड्रीमगर्ल की होगी. जी हां, आपने कई बार दोस्तों-यारों को ये कहते हुए सुना होगा कि ड्रीमगर्ल सपने में दिल तोड़कर चली है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ड्रीम को लेकर साइंस क्या कहता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर सपने में ड्रीम गर्ल जैसी बातें क्यों होती हैं.
सपना क्यों आता ?
सबसे पहले ये समझते हैं कि आखिर सपना क्यों आता है? साइंस और मनोविज्ञान के मुताबिक सपनों के कई मतलब होते हैं. 'द ओरेकल ऑफ नाइट': 'द हिस्ट्री ऑफ साइंस ऑफ ड्रीम्स' के लेखक न्यूरोसाइंटिस्ट सिद्धार्थ रिबेइरो के मुताबिक हर किसी को सपना आता है. हालांकि यह जरूर है कि कई बार इंसान को सपना याद रहता है और कई बार नहीं रहता है. उनके मुताबिक रैपिड आई मूवमेंट यानी नींद में लोगों को दौरे पड़ते हैं, यह अवस्था रात के दूसरे पहर में आती है. इस दौरान कई सपने देखे जाते हैं.
डॉक्टर्स का क्या कहना
ड्रीमगर्ल जैसे सपने को लेकर साइंस का कुछ और ही मानना है. एबीपी न्यूज ने इस बारे में मुंबई स्थित माइंड टैंम्पल के मनोचिकित्सक डॉ. अंजली छाबरा से बातचीत की है. डॉक्टर अंजली ने बताया कि सपना आना बहुत ही कॉमन बात है. लेकिन लोगों को कई तरह के सपने आते हैं. उन्होंने कहा कि आपने कई बार देखा होगा कि कुछ लोगों को उलझने भरे सपने आते हैं. असल में ये एंजाइटी के कारण होता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के सपनो को एंजाइटी ड्रीम कहा जाता है.
डॉक्टर अंजली ने कहा अगर आप किसी एक इंसान के बारे में बहुत ज्यादा सोच रहे हैं, तो उस इंसान का सपने में आना बहुत आम बात है. प्रेम जैसे मामले में आप उसको ड्रीमगर्ल भी कह सकते हैं. लेकिन हर सपना आपको याद होगा ये जरूरी नहीं है, सिर्फ कुछ सपने इंसान को याद रहते हैं.
रात में दिमाग एक्टिव?
इंसान जब दिन भर सक्रिय रहता है, उस वक्त उसका दिमाग चलता रहता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब इंसान सोता है, उस वक्त भी उसका दिमाग चलता रहता है. सपना भी अचेतन मन का एक हिस्सा है. शोध के मुताबिक डेढ़ घंटे की नींद में लगभग 5 सपने आते हैं. सपने हमारे अचेतन मन की इच्छाओं और डर से प्रभावित होते हैं. आसान भाषा में समझे तो रात के सोते समय भी इंसान का दिमाग एक्टिव रहता है, जिसके कारण सपने आते हैं.
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