Salt In Ice: गर्मी आते ही गली, मोहल्ले और चौराहे पर कुल्फी वालों की घंटियों की आवाज सुनाई देने लगती है. जिसे सुनते ही कुल्फी खाने के लिए बच्चों सहित बड़ों का मन भी ललचाने लगता है. कुल्फी वाले के ठेके पर एक बड़ा सा बक्सा होता है, जिसमें वह कुल्फी रखता है. वह अपने साथ बर्फ की सिल्ली भी लाता है. बीच-बीच में वह बर्फ की सिल्ली को तोड़कर उसमें नमक मिलाकर कुल्फी वाले बक्से में बीचो-बीच रख देता है. अगर आपने उसे ऐसा करते देखा है तो आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि कुल्फी वाला बर्फ में आखिर नमक क्यों मिलाता है? आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण.


इसके पीछे है विज्ञान 


दरअसल, ऐसा करने के पीछे भी विज्ञान है. विज्ञान की जानकारी रखने वाले हिमांक, क्वथनांक और हिमांक में अवनमन के बारे में जानते होंगे. बर्फ में नमक मिलाना इन्ही के सिद्धांत पर आधारित है. अगर आपको इनके बारे में जानकारी नहीं है तो हम बताते हैं.


हिमांक (Freezing)


हिमांक वह ताप होता है, जिस पर कोई द्रव अवस्था से ठोस अवस्था में आ जाता है. जैसे पानी का हिमांक 0 डिग्री सेंटीग्रेड होता है. 0 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर आते ही पानी जमकर बर्फ बन जाता है. इस तरह पानी का हिमांक 0 डिग्री सेंटीग्रेड होता है. इसी तरह सभी पदार्थों का हिमांक अलग-अलग होता है.


क्वथनांक (Boiling Point)


क्वथनांक वह ताप होता है, जिस पर कोई भी द्रव उबलने लगता है. अगर पानी का ही उदाहरण लें तो पानी का क्वथनांक 100 डिग्री सेल्सियस होता है. मतलब 100 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पानी उबलने लगता है.


हिमांक में अवनमन (Depression in Freezing Point)


जब किसी पदार्थ में कोई अवाष्पशील पदार्थ  मिला देते हैं तो उस पदार्थ का वाष्प दाब घट जाता है. पदार्थ का हिमांक भी घट जाता है और क्वथनांक बढ़ जाता है. 


आसान भाषा में समझिए


बर्फ में नमक मिला देने से बर्फ का क्वथनांक बढ़ जाता है और बर्फ जल्दी नहीं पिघलती है. अब आप समझ गए होंगे कि कुल्फी वाला बर्फ में नमक क्यों मिलाता है. ऐसा करने से उसे डबल मुनाफा होता है. बर्फ ज्यादा देर तक टिकती है और कुल्फी भी ज्यादा देर तक जमी रहती है. मजे की बात तो यह है कि कुल्फी वाले को इस बात की जानकारी भी नहीं होती कि वह हर रोज अपनी बर्फ का कितना क्वथनांक बढ़ा देता है.


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