पहली नजर में ही क्यों हो जाता है प्यार? शरीर में होने वाले इस 'केमिकल लोचे' का लव सीक्रेट समझिए
आपको भले ही न पता हो, लेकिन साइंस को जरूर पता है कि किसी को पहली नजर में देखकर दिल के तार क्यों बजने लगते हैं. आइए समझते हैं ऐसा क्यों होता है? इसके लिए कौन से हार्मोंन्स जिम्मेदार हैं...
"पहली नज़र में कैसा जादू कर दिया, तेरा बन बैठा है मेरा जिया, जाने क्या होगा, क्या होगा, क्या पता..." भले ही आपको न पता हो लेकिन साइंस को जरूर पता है. ये कैसे हुआ? क्यों हुआ और अब क्या होगा? हम बात कर रहे हैं पहली नजर में होने वाले इश्क यानी मोहब्बत की.
मोहब्बत पर आपने कई गाने सुने होंगे. ज्यादातर गानों में पहली नजर में प्यार का जिक्र किया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि प्यार पहली ही नजर में कैसे हो जाता है? ऐसा क्यों होता है? क्यों किसी को आंखो से देखकर दिल के तार बजने लगते हैं? दअरसल, ये कुछ और नहीं शरीर में होने वाला थोड़ा सा केमिकल लोचा है, चलिए विस्तार से बताते हैं...
क्यों होती है दिल में गुदगुदी
एक आम इंसान में गुदगुदी पेट में ही होती है, लेकिन जिसको मोहब्बत हो गई हो उसको ये गुदगुदी कहीं भी हो सकती है. दरअसल, प्यार है ही ऐसी चीज. एक बार हो गई तो शरीर के सारे तार एक साथ बजकर सारेगामापा...गाने में लग जाते हैं. हालांकि, विज्ञान और डॉक्टरों का मानना है कि पहली नजर में होने वाले इश्क के पीछे एक खास हार्मोंस है, जो किसी के प्रति हमारी भावनाएं जाहिर करता है. जब इंसान किसी को देखता है तो शरीर ऑक्सीटोसिन नाम का हार्मोंस रिलीज करता है. यह वो हार्मोंस है, जो हमारे दिमाग और शरीर में भावनात्मक और सामाजिक संबंध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. इसलिए इसे 'लव हार्मोंन' या 'कडल हार्मोन' भी कहते हैं. दरअसल, जब हम किसी को देखते हैं और हमें अच्छा महसूस होता है तो शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज हो जाता है.
हार्मोन रिलीज होने के बाद क्या होता है?
ऑक्सीटोसिन हार्मोंन रिलीज होने के बाद हमारे अंदर सकारात्मक भावनाएं उत्पन्न करना है. इससे ही हम एक-दूसरे पर विश्वास कर पाते हैं और सेंसटिव हो जाते हैं. हालांकि, यह हार्मोंन सिर्फ महबूब यानी मोहब्बत को देखकर रिलीज नहीं होता. माता-पिता, बच्चे, परिवार या खास दोस्त को देखकर भी रिलीज हो सकता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, ऑक्सीटोसिन हार्मोंस इंसान के दिमाग में हाइपोथैलेसम से रिलीज होता है और पिट्यूटरी ग्लैंड के जरिए शरीर में फैलते हैं. किसी के गले लगाने, हाथ मिलाने, इमोशनल बातें करने से भी यह हार्मोंन रिलीज होता है और हम सामने वाले व्यक्ति के प्रति भावात्मक हो जाते हैं.