साल 2024 खत्म होने वाला है और नया साल 2025 शुरू होने में अब सिर्फ कुछ चंद दिन ही बचे हैं. इसके साथ ही ठंड भी बढ़ चुकी है. पहाड़ी क्षेत्रों में तो जमकर बर्फबारी हो रही है. लेकिन क्या ठंड के समय आपको भी एक-दूसरे से हाथ मिलाने या छूने में करंट जैसा महसूस होता है. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे।
ठंड में क्यों लगता है करंट
अब सवाल ये है कि आखिर ठंड में क्यों करंट लगता है. जी हां, कई लोगों ने महसूस किया है कि ठंड के समय एक दूसरे से हाथ मिलाने पर करंट जैसा फील होता है. इतना ही नहीं छूने से भी करंट लगता है, आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे.
क्यों लगता है करंट?
बता दें कि ठंड के समय किसी चीज या शख्स को छूने पर आपको जो झटका महसूस होता है, असल में वो करंट नहीं होता है, उसे इलेक्ट्रोस्टैटिक डिस्चार्ज या स्ट्रिक्टिक डिस्चार्ज कहा जाता है. दरअसल झटका लगने की वजह वातारण में नमी या फिर बॉडी में स्टैटिक बिजली का इकट्ठा होना होता है. जिसके चलते जब किसी को छूते हैं, तो करंट का अहसास होता है. अब सवाल है कि सर्दियों में ही ऐसा क्यों ज्यादा होता है. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे.
ठंड में स्किन होती है ड्राई
जानकारी के लिए बता दें कि सर्दियों में स्किन ड्राई हो जाती है. जिस कारण इलेक्ट्रॉन्स आसानी से इकट्ठा हो जाते हैं. इसीलिए जब किसी को छूते हैं, तो करंट का अहसास होता है. इसके अलावा दूसरी वजह ये है कि ठंड की वजह से लोग ज्यादा कपड़े पहनते हैं. इन ठंड के कपड़ों में फाइबर इलेक्ट्रॉन्स इकट्ठा हो जाते हैं, जिस कारण भी झटके लगते हैं.
झटके से बचने का उपाय
बता दें कि जब भी आप किसी धातु की चीज को छूने जाते हैं, तो उससे पहले पैर को जमीन से टच कराना चाहिए. ऐसा करने से आपके शरीर में जमा स्टैटिक चार्ज निकल जाता है। इसके अलावा त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए मॉइस्चराइजर या लोशन का इस्तेमाल करना चाहिए, ऐसा करने से स्किन ड्राई नहीं होता है और इससे शरीर में स्टैटिक बिजली के जमा होने के चांसेस कम हो जाते हैं. वहीं सूती कपड़े पहनने से भी स्टैटिक बिजली के इकठ्ठा होने की संभावना कम हो जाती है.
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