Motion Sickness: भारत में इन दिनों गर्मियों ने दस्तक दे दी है. ऐसे में अब लोग कहीं ठंडी जगह किसी हिल स्टेशन पर, कहीं पहाड़ों पर घूमने का प्लान बनाने लगे हैं. पहाड़ों में अलग ही सुकून का अनुभव होता है. शरीर को छूती हुई ठंडी हवाओं का एहसास होता है. शहर जहां शरीर को जल्दी थका देता है.
तो वहीं पहाड़ उसे फिर से तरोताजा कर देते हैं. लेकिन पहाड़ों पर सफर के दौरान सबसे बड़ी समस्या होती है वह होती है जी मिचलाने की लोगों को उल्टियां होने लगती है. आखिर ऐसा क्यों होता है. क्या बला है यह मोशन सिकनेस जिस वजह से लोगों को आती हैं उल्टियां. चलिए जानते हैं.
क्यों होती है मोशन सिकनेस?
मोशन सिकनेस आना बेहद आम बात है. आपने अक्सर देखा होगा जब लोग कहीं घूमने जाते हैं तब उन्हें चक्कर आने लगते हैं बेचैन होने लगती. जब कोई बस में सफर करता है. या कोई मेले में झूले पर झूलता है. तब भी इस प्रकार की स्थिति हो जाती है. पहाड़ों पर घूमने के दौरान शरीर में बदलाव बड़ी तेजी से होते हैं. वहां इस तरह की दिक्कत लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है.
इसके तार हमारे पेट और डाइजेस्टिव सिस्टम से नहीं जुड़े हैं. बल्कि यह हमारे दिमाग के कारण होता है. जब हमारी आंखें कुछ और देखती हैं. कान कुछ और महसूस करते हैं. शरीर की मांसपेशियां अलग ही दिशा में काम कर रही होती है. यह सब मिक्सड सिग्नल भेजते हैं. जिन्हें दिमाग समझ नहीं पता और मोशन सिकनेस की स्थिति बन जाती.
इन तरीकों से मिलेगा आराम
जब आप मोशन सिकनेस की समस्या से जूझ रहे हो. आपका जी मिचला रहा हो या उल्टी आने का मन कर रहा हो. तो ऐसे में आप माउथ फ्रेशनर, पुदीना की गोली या जिंजर कैंडी खा सकते हैं. जब आप पहाड़ों पर घूमने जा रहे हो. तो प्रयास करें आप लाइट डाइट लेकर जाएं. क्योंकि मौशन सिकनेस दिमाग के सिग्नल्स का नतीजा होती है. इसलिए कोशिश करें कि किसी चीज पर एक वक्त तक ज्यादा देर तक ध्यान ना लगाएं.
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