सर्दियों में अक्सर आपने कई बार महसूस किया होगा कि जब आप किसी को टच करते हैं तो आपको करंट जैसा महसूस होता है. ऐसा सिर्फ आपके साथ नहीं होता, बल्कि दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जिनके साथ ऐसा होता है. यह बहुत आम बात है. अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो हैरानी की या फिर चिंता करने की बात नहीं है. बल्कि आप को उसके पीछे का वैज्ञानिक कारण जानना चाहिए. दरअसल, जब भी आप किसी व्यक्ति या वस्तु को छूते हैं और उसके छूने से आपको करंट का अनुभव होता है तो इस स्थिति को स्थैतिक धरा के रूप में जाना जाता है. चलिए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है.
किसी को छूने पर क्यों करंट लगता है
दरअसल, इस दुनिया में जितनी भी चीजें बनी है वह सब कुछ एटम से मिलकर बनी हुई हैं. एटम यानी जिसमें इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं. हमारे शरीर में भी इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन पाए जाते हैं. हालांकि, इनकी संख्या बराबर होती है. लेकिन कभी-कभी जब यह डिसबैलेंस हो जाते हैं या इनकी संख्या शरीर में ज्यादा हो जाती है तो ऐसे में शरीर के अंदर मौजूद इलेक्ट्रॉन में काफी ज्यादा हलचल पैदा होने लगती है. विज्ञान का यह नियम तो आपको पता ही होगा कि इलेक्ट्रॉन की संख्या जितनी ज्यादा होगी वह उतनी ही ज्यादा नेगेटिव चार्ज बनाएगा.
इलेक्ट्रॉन के इसी प्रवाह के कारण हमें करंट लगता है. दरअसल, जब हमारे शरीर में मौजूद इलेक्ट्रॉन डिसबैलेंस होते हैं और हम किसी और चीज को छूते हैं तो हमारे शरीर से इलेक्ट्रॉन बाहर निकलने लगते हैं, हमारे शरीर से जो इलेक्ट्रॉन निकलता है वह नेगेटिव चार्ज का होता है और बाहर जिस चीज को हम छूते हैं उसके अंदर मौजूद इलेक्ट्रॉन पॉजिटिव चार्ज होता है. यह दोनों जब आपस में टकराते हैं तो हमें करंट जैसा अनुभव होता है.
आप ऐसे भी समझ सकते हैं
अगर आप को विज्ञान की भाषा में यह चीज नहीं समझा रही है और आप एक साधारण तरीके से इसे समझना चाहते हैं तो आप पहले एक गुब्बारा लीजिए और उसे अपने सूखे बालों पर रगड़िए. जैसे ही आप गुब्बारे को अपने सूखे बालों पर रगड़ेंगे उसके एटम में मौजूद इलेक्ट्रॉन नेगेटिव चार्ज हो जाएगा और जैसे ही आप इस गुब्बारे को दीवाल पर या कहीं और चिपकाने की कोशिश करेंगे तो वह तुरंत चिपक जाएगा.
क्योंकि आप जहां इस गुब्बारे को ले जाकर चिपका रहे हैं, वहां से पॉजिटिव चार्ज वाले इलेक्ट्रॉन निकल रहे हैं इसी वजह से दोनों एक दूसरे को आकर्षित करते हैं. हालांकि, यह बहुत ज्यादा देर तक नहीं टिकता. कुछ देर बाद ही जैसे ही इनके बीच का बॉन्ड टूटेगा, गुब्बारा अपने आप जमीन पर गिर जाएगा.
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