मां और बच्चे का रिश्ता दुनिया के सबसे खास रिश्तों में से एक है. मां की आवाज बच्चे के लिए एक सुरक्षित और शांत महसूस कराने वाली जगह होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मां की आवाज सुनते ही हमारे शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं जो हमें तनावमुक्त महसूस कराते हैं? आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है और मां की आवाज हमारे शरीर और मन पर क्या असर डालती है.
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मां की आवाज का जादू
मां की आवाज सुनते ही हम शांत और सुरक्षित महसूस करते हैं. यह एक ऐसा अद्भुत अनुभव है जिसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है, लेकिन विज्ञान ने इस बात की पुष्टि की है कि मां की आवाज हमारे शरीर और मन पर गहरा प्रभाव डालती है.
ऑक्सीटोसिन क्या है?
जब हम अपनी मां की आवाज सुनते हैं तो हमारे शरीर में ऑक्सीटोसिन नामक एक हार्मोन रिलीज होता है. इसीलिए इसे प्यार का हार्मोन भी कहा जाता है. ऑक्सीटोसिन हमारे शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है.
तनाव कम करता है: ऑक्सीटोसिन तनाव हार्मोन को कम करने में मदद करता है. जब हम तनावग्रस्त होते हैं तो हमारे शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. ऑक्सीटोसिन कॉर्टिसोल के स्तर को कम करके हमें शांत महसूस कराता है.
दिल को स्वस्थ रखता है: ऑक्सीटोसिन रक्तचाप को कम करके हृदय को स्वस्थ रखता है.
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है: ऑक्सीटोसिन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर हमें बीमारियों से बचाता है.
सामाजिक जुड़ाव बढ़ाता है: ऑक्सीटोसिन हमें दूसरों से जुड़ाव महसूस कराता है और सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाता है.
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दिमाग पर क्या होता है असर?
मां की आवाज सुनने से हमारे मस्तिष्क में भी कई तरह के बदलाव होते हैं. मस्तिष्क का वह हिस्सा जो भावनाओं और यादों से जुड़ा होता है, मां की आवाज सुनते ही सक्रिय हो जाता है. इससे हमें सुरक्षित और प्यार का अनुभव होता है.
बचपन में मां की आवाज सुनने से हमारे मस्तिष्क का विकास होता है और हमारी भावनात्मक बुद्धि बढ़ती है. मां की आवाज सुनकर बच्चे भाषा सीखने में भी तेजी से आगे बढ़ते हैं. वहीं वयस्क होने के बाद भी मां की आवाज का हमारे ऊपर गहरा प्रभाव होता है. जब हम तनावग्रस्त होते हैं तो मां की आवाज सुनकर हमें तुरंत आराम मिलता है. यह हमें अपनी समस्याओं को भूलकर कुछ पल के लिए शांत होने का मौका देती है.
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