असम इन दिनों बाढ़ का प्रकोप झेल रहा है. प्रदेश में अबतक बाढ़ से 15 लोग अपनी जान गवां चुके हैं. वहां आई बाढ़ से 13 जिलों में 15 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. अधिकारियों के मुताबिक, राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बेतहाशा बढ़ गया है जिसके चलते बाढ़ के हालात बन गए. कई क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.


वहीं बाढ़ ने कुछ जिलों में तबाही के हालात पैदा कर दिये हैं. असम में हर साल बाढ़ से इस तरह के हालात बनते हैं, जहां कई लोग इसकी जद में आकर अपनी जान भी गवां देते हैं और फिर दूसरे साल वहीं घटनाक्रम फिर दोहराता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर हर साल क्यों असम में बाढ़ कई लोगों की जिंदगी के लिए खतरा बन जाती है? चलिए जानते हैं.


क्यों हर साल असम में बाढ़ मचाती है तबाही?


बता दें असम में बाढ़ के लिए सबसे ज्यादा इसकी भौगोलिक संरचना जिम्मेदार है. आसान भाषा में समझें तो असम एक यू के आकार की घाटी है. यहां आसपास के क्षेत्रों में पानी की निकासी कम ही होती है, वहीं पहाड़ों से आने वाला पानी यहां हालात और बिगाड़ देता है.


राष्ट्रीय बाढ़ आयोग के मुताबिक, असम में 311,500 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा बाढ़ प्रभावित है. यहां आसपास की पहाड़ियों से तेज बहाव से आने वाला पानी हर साल बाढ़ की वजह बन जाता है. दरअसल इस पानी की वजह से ब्रम्हपुत्र और दूसरी सहायक नदियों का जलस्तर इतना बढ़ जाता है कि उससे बाढ़ की स्थिति जन्म ले लेती है.


बाढ़ की चपेट में रहता है 40 प्रतिशत हिस्सा


आपको जानकर हैरानी होगी कि इस राज्य का 40 प्रतिशत हिस्सा हर समय बाढ़ की चपेट में रहता है. दरअसल असम का पहाड़ी हिस्सा अरुणाचल प्रदेश और भूटान से लगा हुआ है. तिब्बत से निकलने वाली नदियां अरुणाचल प्रदेश के रास्ते असम की ओर पहुंचती हैं. ऐसे में असम में बहने वाली ब्रम्हपुत्र और इसकी 49 सहायक नदियां रोद्र रूप ले लेती हैं. स्थिति इतनी खतरनाक हो जाती है कि यहां रास्ते भी बंद हो जाते हैं और लोग जहां हैं वहीं फंस जाते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों में ब्रम्हपुत्र नदी के कटाव के कारण यहां घाटी की चौड़ाई भी बढ़ी है, वहीं यहां के उत्तर पूर्वी क्षेत्र भूकंप जोन में भी आते हैं. बाढ़ के चलते असम में हर साल कई लोग अपनी जान गवां देते हैं.


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