Eyes flutter: हमारे समाज में आंख के फड़कने से जुड़ी कई मान्यताएं हैं. कोई कहता है कि बाईं आंख फड़कना शुभ होता है, तो कुछ लोग बाईं आंख के फड़कने को अशुभ संकेत समझते हैं. लोगों के अनुसार, आंखों का फड़कना धार्मिक मान्यताओं और संकेतों से जुड़ा है, लेकिन इससे अलग इसके पीछे एक विज्ञान है. आंख फड़कने की कई वजहें हो सकती हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको आंखों के फड़कने की कुछ वैज्ञानिक वजहों के बारे में बताने जा रहे हैं.
आंखों का सूखापन
आंखों में सूखापन भी इनके फड़कने की एक वजह है. इसके अलावा आंखों में एलर्जी या बहुत पानी आने के कारण भी यह समस्या हो सकती है.
भरपूर नींद की कमी
अगर आप भरपूर नींद नहीं के रहे हैं, तो भी यह समस्या देखने को मिल सकती है. आपने लंबे समय तक जगकर कोई किताब पढ़ी हो या फिर फिल्म देखी हो, जिस वजह से आप पूरी नींद नहीं के पाए तो इस वजह से भी आंखें फड़क सकती हैं. कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल पर बहुत ज्यादा समय बिताने की वजह से भी ऐसा हो सकता है.
मांसपेशियों से जुड़ी समस्या
आंखों के बार-बार फड़कने के पीछे आपकी आंखों की मांसपेशियों से जुड़ी कुछ समस्या हो सकती है. अगर आपकी आंखें हद से ज्यादा फड़क रही हैं तो एक बार उनकी जांच जरूर करवाएं. संभव है कि आपके चश्मे के नंबर में कुछ बदलाव हुआ हो या फिर होने वाला हो.
तनाव भी है वजह
तनाव के स्थिति में भी आंखें फड़क सकती हैं. अगर आप किसी बात को लेकर चिंता में हैं और लगातार उसके बारे में सोच रहे हैं तो इससे तनाव बढ़ता है और संभव है कि इस वजह से भी आपकी आंखें फड़क रही हों. तनाव की वजह से अक्सर नींद भी बार-बार टूटती है.
मैग्नीशियम की कमी
मैग्नीशियम की कमी होने पर भी आंखें फड़क सकती हैं. इसके अलावा, बहुत अधिक चाय-कॉफी, शराब या नशीले पदार्थों के सेवन की वजह से भी यह समस्या देखने को मिल सकती है.
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