Black Vehicles: इस समय G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत में किया जा रहा है. यहां दुनिया भर के देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होने आए हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से लेकर ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और फ्रांस के प्रेसीडेंट इमैनुएल मैक्रों तक भारत आए हुए हैं. जब वह एयरपोर्ट से होटल जा रहे थे तब आपने नोटिस किया होगा कि सभी देशों के प्रमुख और वहां से आए प्रतिनिधि ब्लैक कलर की गाड़ी में सवार नजर आए. ऐसे में सवाल यह है कि क्या ऐसा सिर्फ इस समिट में देखने को मिला है या सामान्य तौर पर ही देशों के चीफ ब्लैक गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं. पीएम मोदी को भी हमेशा ब्लैक रंग की गाड़ी में सफर करते हुए देखा जाता है. आज की स्टोरी में इसके पीछे का कारण समझेंगे.


क्यों ब्लैक कलर में होती है कारें?


अक्सर देखा जाता है कि किसी देश के राष्ट्रपति या वहां के प्रधानमंत्री ब्लैक कलर की गाड़ी से यात्रा करते हैं. ऐसा करने के पीछे एक मुख्य कारण है. दरअसल, साइकोलॉजी के हिसाब से देखें तो काला रंग शक्ति, औपचारिकता, लालित्य और कई दूसरे गुणों को प्रदर्शित करता है. यह ताकत और अधिकार को भी दर्शाता है. अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए एस्कॉर्ट कारों के रंग के तौर पर केवल काले रंग का उपयोग किया जाता है. अमेरिका की सीक्रेट सर्विस भी काले रंग की कार का इस्तेमाल करती है. यह उन्हें अन्य सरकारी वाहनों जैसे पुलिस कारों, फायर ट्रकों, सैन्य वाहनों से अलग करने का अच्छा तरीका है. यही कारण है कि दुनिया के ज्‍यादातर देशों में प्रेसीडेंशियल व्‍हीकल्‍स को काले रंग में ही रखा जाता है.


इस देश में होता है अन्य कलर का इस्‍तेमाल


ऐसा नहीं है कि दुनिया के हर देश के राष्ट्राध्यक्ष हमेशा ब्लैक कलर की कारों का इस्तेमाल करते हैं. कई बार कुछ देश के चीफ सफेद और सिल्वर कलर की कार का इस्तेमाल करते हुए देखे गए हैं. उसमें से एक नाम फिलीपींस के राष्‍ट्रपति का भी है. उन्होंने सफेद या सिल्‍वर वाहनों का इस्‍तेमाल किया था. वे सिल्वर कलर की कार में राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे 1953 कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए गए थे. 1962 कैडिलैक फोर-डोर कंवर्टिवल कार का इस्‍तेमाल राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस ने 1965 में एक कार्यक्रम के दौरान किया था.


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