Current By Objects: अक्सर ऐसा होता है कि किसी वस्तु से हमें अचानक हल्का सा करेंट महसूस होता है. ऐसा क्यों होता है? कंघी को बालों से रगड़कर अगर कागज के करीब लाते हैं तो कागज इस पर चिपक जाता है. दरअसल, ब्रह्मांड में सभी वस्तुएं एटम यानी अणु से बनी हुई हैं. हर एटम में प्रोटोन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन होते हैं. करंट के फ्लो होने में इनका बहुत बड़ा रोल होता है. आइए जानते हैं इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह को... 


आइये पहले अणु को समझ लेते हैं 


यह तो आपको पता चल ही ब्रह्माण्ड में सभी वस्तुए एटम से बनी होती हैं, जिसमें प्रोटोन, न्यूट्रॉन इलेक्ट्रॉन होते हैं. प्रोटोन न्यूक्लिअस में होता है. जोकि एटम के केंद्र पर स्थित होता है. इलेक्ट्रॉन, न्यूक्लियस के चारों ओर चक्कर लगाता है. इलेक्ट्रॉन्स पर नेगेटिव और प्रोटोन पर पॉजिटिव चार्ज होता है, जबकि न्यूट्रॉन उदासीन होते हैं. चार्ज के फ्लो होने में इन तीनों की मुख्य भूमिका होती है. कोई भी एटम तब तक स्टेबल होता है, जब तक इलेक्ट्रॉन और प्रोटोन बराबर संख्या में होते हैं. जब इनकी संख्या घटती या बढ़ती है तो एटम स्टेबल नहीं रह पाता है और इलेक्ट्रॉन एक्साइट होने के कारण बाउंस करने लगते हैं. इसी कारण से हलचल होती है. 


किसी वस्तु को छूने से करंट कैसे लगता है 


जो चीज़े बिजली की अच्छी सुचालक होती हैं जैसे लोहा आदि वह आसानी से इलेक्ट्रॉन को जाने नहीं देती हैं. इसलिए इनके एटम्स में इलेक्ट्रॉन दौड़ते तो रहते हैं मगर अपनी बाउंड्री से बाहर नहीं निकलते हैं. किसी भी वस्तु में करंट तभी लगता है जब उनके एटम में इलेक्ट्रॉन मूव करते हैं. जब आप प्लास्टिक की कंघी अपने बालों में फेरते हैं, तो उससे कुछ इलेक्ट्रॉन छूटकर आपके बालों में रह जाते हैं.


इस तरह कंघी के पास नेगेटिव चार्ज कम हो जाता है और पॉजिटिव चार्ज ज्यादा. बता दें कि पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज आकर्षित होते है. यही वजह है कि कागज़ के टुकड़े इसके पास खींचे चले आते हैं. इसी प्रकार जब किसी व्यक्ति या वस्तु में इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ जाती है तो उसपर नेगेटिव चार्ज बढ़ जाता है. जब ये इलेक्ट्रॉन किसी पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन्स जो अन्य वस्तु या व्यक्ति में हैं, की और बढ़ने लगते हैं तो करंट या बिजली का झटका महसूस होता है. इसका मतलब यह है कि इन इलेक्ट्रॉनों की त्वरित गति के कारण ही हल्का सा करंट लगता है. 


क्या मौसम भी है जिम्मेदार? 


आमतौर कर सर्दियों के मौसम में करंट लगने की घटना ज्यादा होती है. सर्दियों में इलेक्ट्रिक चार्ज सबसे अधिक होता है. सर्दियों में आसपास का वातावरण सूखा होता है और इलेक्ट्रॉन आसानी से हमारी त्वचा की सतह पर एकत्र हो जाते हैं. गर्मियों के दिनों में वायु में नमी होती है. अतः नेगेटिवली चार्ज इलेक्ट्रॉन समाप्त हो जाते हैं और करंट लगने की घटना बहुत कम होती है. 


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