इजरायल और हमास के बीच आंशिक संघर्ष अभी भी जारी है. संघर्षविराम के बाद जिसमें दोनों पक्षों की सहमति होने के बाद युद्धग्रस्त क्षेत्र में रह रहे लोगों को तो थोड़ी सी राहत मिली है, लेकिन इस जंग का खतरा फिर से बढ़ता हुआ दिख रहा है. संघर्षविराम की घोषणा के बाद कुछ विशेषज्ञों ने इसे इजरायल के सरेंडर के समान बताया था, लेकिन वास्तविकता इससे भिन्न है. इजरायल अभी भी हमास की सुरंगों को खोजने और नष्ट करने में जुटा हुआ है, और यहां की याहलोम यूनिट इसका उदाहरण है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, याहलोम यूनिट को हमास की सुरंगों की खोज और नष्ट करने का काम सौंपा गया है.


जमीन के अंदर कई सुरंगें


कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि हमास ने गाजा में जमीन के अंदर कई सुरंगें बनाई हैं. इन सुरंगों को इजरायल 'मेट्रो' कहता है. पहले बुधवार को इजरायल ने भी दावा किया था कि वह अल-शिफा अस्पताल के नीचे हमास की सुरंगें खोजी हैं. गाजा शहर में बर्बाद हो चुके इलाके में अल-शिफा अस्पताल के नीचे बने बंकरों में सैनिकों और पत्रकारों को भी लेकर गए गए हैं. सैनिकों का कहना है कि यह सुरंग करीब 150 मीटर तक फैली हुई है.


यूनिट की स्थापना 1995 में हुई


हिब्रू भाषा में 'याहलोम' शब्द का अर्थ 'हीरा' होता है. इस नाम से ही यह यूनिट अपनी विशेषता को दर्शाता है. इस यूनिट की स्थापना 1995 में हुई थी. 2014 के गाजा युद्ध के बाद, इजरायल ने इस यूनिट को बढ़ाकर लगभग दोगुना कर दिया, जिसे 'इजरायली ऑपरेशन प्रोटेक्टिव एज' के रूप में जाना जाता है. याहलोम ने ऑपरेशन प्रोटेक्टिव एज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इजरायल का दावा है कि याहलोम यूनिट ने हमास की सुरंगों को नष्ट कर सेना की रक्षा की है, और इसी कारण इस यूनिट की क्षमताएं दोगुनी की गई हैं.


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